कस्तूरचंद पार्क में होने वाली मायावती की सभा को मिली NOC

Mayawati Public Meeting will be held at NagpurS Kasturchand park
कस्तूरचंद पार्क में होने वाली मायावती की सभा को मिली NOC
कस्तूरचंद पार्क में होने वाली मायावती की सभा को मिली NOC

डिजिटल डेस्क, नागपुर । मायावती की 10 दिसंंबर को होने वाली सभा के लिए रास्ते साफ हो गए हैं। इस मामले के साथ ही ट्रैफिक विभाग कस्तूरचंद पार्क को आगामी अधिवेशन काल में अधिकारियों के लिए पार्किंग स्थल बनाने के कारण मुश्किलों में घिर गया है। दरअसल बॉम्बे हाईकोर्ट की  नागपुर खंडपीठ में कस्तूरचंद पार्क के संरक्षण के मुद्दे पर केंद्रित जनहित याचिका लंबित है। कोर्ट ने यहां किसी भी प्रकार के आयोजन को अनुमति देने के अधिकार जिलाधिकारी और नागपुर महानगरपालिका की हेरिटेज कमेटी को दे रखे हैं। शहर में 10 दिसंबर को बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती की सभा होने वाली है। एक ओर जहां मनपा की हेरिटेज कमेटी ने सभा के दौरान पार्क पर किसी भी चार पहिया वाहन को अनुमति नहीं दी है, वहीं दूसरी ओर यातायात विभाग द्वारा कस्तूरचंद पार्क को आगामी अधिवेशन काल में अधिकारियों के वाहन पार्किंग के लिए आरक्षित करने का निर्णय लिया है।  नागपुर खंडपीठ में हुई सुनवाई में जब यह मुद्दा उठा, तो नाराज कोर्ट ने यातायात विभाग से इस मामले में तमाम दस्तावेजों के साथ दो सप्ताह में जवाब मांगा है।  

एनओसी का था रोड़ा

बताया जाता है कि जब बसपा ने जिलाधिकारी के पास कस्तूरचंद पार्क पर 10 दिसंबर को मायावती की सभा के लिए आवेदन किया तो  जिलाधिकारी ने उन्हें अनुमति देने के लिए कुल 7 जगहों से एनओसी प्राप्त करने के लिए कहा। 6 जगहों से तो संगठन को एनओसी मिली, मगर सदर पुलिस थाने ने उन्हें एनओसी नहीं दी। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक ने कारण बताया कि आगामी शीतकालीन अधिवेशन में कस्तूरचंद पार्क राज्य के अधिकारियों के वाहन पार्क करने के लिए पहले से ही आरक्षित है, इसलिए यहां सभा को अनुमति नहीं दी जा सकती। ऐसे में इस सभा के आयोजन के लिए नागपुर बसपा अध्यक्ष नागोराव जयकर को नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर करनी पड़ी। हालांकि इसी दरमियान यातायात विभाग ने एनओसी दे दी। गुरुवार को याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को जानकारी दी कि अब उन्हें सभी जरूरी अनुमति मिल गई है। ऐसे में कोर्ट ने भी यह शपथ-पत्र स्वीकार कर लिया। मगर कस्तूरचंद को अधिकारियों के वाहन पार्किंग के लिए आरक्षित रखने के मुद्दे पर सुनवाई करने का निर्णय लिया। याचिकाकर्ता की ओर से एड. ए. एस. बंड ने पक्ष रखा।  

Created On :   1 Dec 2017 12:01 PM IST

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