वर्दी में लूटपाट करने वाले गिरोह पर लगा मकोका

MCOCA charged on robbery gang seen in uniform
वर्दी में लूटपाट करने वाले गिरोह पर लगा मकोका
वर्दी में लूटपाट करने वाले गिरोह पर लगा मकोका

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पुलिस की "वर्दी" में  लूटपाट और चेन स्नैचिंग की घटनाओं को अंजाम देने वाले अंतरराज्यीय लुटेरों के गिरोह के 7 आरोपियों पर मकोका की कार्रवाई की गई। इसमें 5 आरोपी नागपुर की सेंट्रल जेल में और दो कोल्हापुर की जेल में बंद हैं। महाराष्ट्र के कई जिले और दिल्ली में चेन स्नैचिंग व लूटपाट की करीब 26 वारदातों को ये अंजाम दे चुके हैं। गिरोह के 5 आरोपियों को नागपुर पुलिस की अपराध शाखा पुलिस ने सितंबर- अक्टूबर माह में गिरफ्तार कर करीब 3 लाख रुपए का माल जब्त किया था। नागपुर में धर-पकड़ तेज हुई तो गिरोह का सरगना हैदर अली यूसुफ अली साथियों के साथ दिल्ली पहुंचा और यहां पर करीब 8 घटनाओं को अंजाम दिया।  

ये हैं मकोका के आरोपी

पुलिस सूत्रों के अनुसार, जिन आरोपियों पर मकोका की कार्रवाई की गई, उनमें आरोपी हैदर अली यूसुफ अली (30), यूसुफ अली अमीर अली (37) डीबी कॉलोनी न्यू कामठी, मोसिन रजा गुलाम रजा (32) न्यू कामठी, जासीम अली मेहंदी अली (52) येरखेड़ा तारामाता चौक, कामठी,  मोहम्मद ओवेस मोहम्मद शाहिद (19) बी बी कॉलोनी न्यू कामठी, शब्बीर अली सलीम अली (33) येरखेड़ा कामठी और नादिर जैदी तालीब जैदी (42) हैदरी चौक न्यू कामठी निवासी शामिल हैं। शब्बीर अली और नादिर जैदी कोल्हापुर की जेल में हैं। बाकी उक्त 5 आरोपी नागपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं। बताया जाता है कि इस गिरोह को हैदर अली और उसके चचेरे भाई यूसुफ अली ने शुरू किया था। बाद में गिरोह तैयार कर लिया।  

लालगंज खैरीपुरा निवासी बेबीबाई लक्षणे नामक 60 वर्षीय महिला से 13 सितंबर 2020 की सुबह करीब 6.30 बजे दहीबाजार उड़ानपुल पर गिरोह के दो सदस्यों ने 5 ग्राम सोने के आभूषण छीनकर भागे थे। बेबीबाई ने शांतिनगर थाने में शिकायत की थी। जांच के दौरान सितंबर-अक्टूबर 2020 में आरोपी हैदर अली, यूसुफ अली, मोसिन रजा, जासीम अली और मोहम्मद ओवेस को गिरफ्तार किया गया। इनके दो साथी शब्बीर अली और नादिर जैदी को पुलिस संभवत: जनवरी माह में कोल्हापुर की जेल से नागपुर लाएगी। 

दबदबा बढ़ा तो दी दबिश 

ग्रामीण क्षेत्र में इनका दबदबा बढ़ने लगा, तो पुलिस भी परेशान होने लगी। यह खुद को पुलिस वाला बताकर वाहन चालकों से दस्तावेज की जांच करने और चालान के नाम पर वसूली करते थे। बार- बार ठिकाना बदलने से उनकी पहचान में मुश्किलें आतीं रहीं। 


 

Created On :   22 Dec 2020 4:15 PM IST

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