यूनिवर्सिटी के मेडल-सम्मान हो सकते हैं बंद, दान की राशि कम पड़ने से आर्थिक संकट

Medal honors given by the nagpur university can be closed soon
यूनिवर्सिटी के मेडल-सम्मान हो सकते हैं बंद, दान की राशि कम पड़ने से आर्थिक संकट
यूनिवर्सिटी के मेडल-सम्मान हो सकते हैं बंद, दान की राशि कम पड़ने से आर्थिक संकट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यूनिवर्सिटी द्वारा प्रदान किया जाने वाला मेडल-सम्मान बंद हो सकता है। इसके लिए दी जाने वाली दान की राशि काफी कम पड़ने  से  यह स्थिति निर्मित हो रही है। दरअसल यूनिवर्सिटी ने ऐसे मेडल और पुरस्कार के लिए  यूनिवर्सिटी को आर्थिक सहायता मुहैया कराने वाले 269 दानदाताओं की सूची जारी की है, जिनके द्वारा दी गई दान की रकम, मेडल या पुरस्कार बनाने की लागत से बहुत कम है। ऐसे में यह मेडल और पुरस्कार जारी रखने में  यूनिवर्सिटी को परेशानी हो रही है। 

कोई जवाब नहीं आया
पूर्व में यूनिवर्सिटी के दानराशि बढ़ाने के अनुरोध पर इनका कोई जवाब नहीं आया है। एक आखिरी मौके के तौर पर यूनिवर्सिटी ने इन्हें अपेक्षित प्रतिसाद देने की गुजारिश की है। यूनिवर्सिटी ने अपनी सूचना में स्पष्ट किया है कि अब भी अगर इन दानदाताओं ने यूनिवर्सिटी से संपर्क नहीं किया तो मैनेजमेंट काउंसिल में संबंधितों के नाम पर चल रहे मेडल या पुरस्कार पर यथोचित फैसला लिया जाएगा।

इसलिए लिया यह निर्णय
दरअसल, बीते दिनों हुई यूनिवर्सिटी में मेडल और पुरस्कार की दानराशि पुनर्निर्धारित करने का निर्णय लिया गया था। अब से विवि ने 75 हजार गोल्ड मेडल और 50 हजार सिल्वर मेडल और पुरस्कार के लिए तय किए है। दानदाताओं के डिपॉजिट में कम पड़ रही रकम को जमा कराने का निवेदन यूनिवर्सिटी ने किया है। यूनिवर्सिटी की इस सूची में गोल्ड मेडल के लिए 172 दानदाता, सिल्वर के लिए 28 और पुरस्कार के लिए 69 दानदाताओं का समावेश है। 

ऐसी है प्रक्रिया 
95 वर्षों के गौरवशाली इतिहास में राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय ने समाज को अनेक विभूतियों से नवाजा है। अपने अपने क्षेत्र में कीर्ति स्थापित करने वाले हस्तियों के नाम पर नागपुर यूनिवर्सिटी हर साल अपने दीक्षांत समारोह में मेडल और पुरस्कार प्रदान करता है। इस मेडल और पुरस्कार के लिए संबंधित परिवारों या मित्रों से कुछ दानराशि स्वीकारी जाती है। वर्ष 1923 से मेडल और पुरस्कार की प्रथा जारी है। मगर करीब 9 दशक पूर्व दानदाता ने जो दानराशि यूनिवर्सिटी को दी थी, अब उसके ब्याज से हर साल के दीक्षांत समारोह के मेडल और पुरस्कारों का खर्च निकाला जाता है।

इस पूरी प्रक्रिया में दानराशि मूल्य उतना नहीं रह गया है। नौबत तो यह है कि महज 2200 रुपए जैसी मामूली रकम डिपॉजिट होने पर भी यूनिवर्सिटी को गोल्ड मेडल देना पड़ रहा है। बीते दिनों हुए 105 वें दीक्षांत समारोह में यह मुद्दा गूंजा था। इसके बाद यूनिवर्सिटी ने मैनेजमेंट काउंसिल की बैठक में इस विषय को रखा था। 

इसलिए निकाली सूची 
मेडल की दानराशि पर यूनिवर्सिटी की मैनेजमेंट काउंसिल ने फैसला लिया है। हमारी सूची में कई ऐसे दानदाता है, जिनसे कई वर्षों से कोई संपर्क ही नहीं हुआ। कई दानदाताओं के तो पते तक हमें नहीं मिल रहे, उनके पुराने पते पर भेजे गए पत्र लौट कर आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में हमें सार्वजनिक सूचना के रूप में वेबसाइट पर यह सूची डालनी पड़ी। 
- डॉ.राजू हिवसे, वित्त व लेखा अधिकारी, नागपुर विवि

Created On :   21 April 2018 8:49 AM GMT

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