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2 साल से बंद एमआरआई मशीन को लेकर आंदोलन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पिछले दो साल से मेडिकल की एमआरआई मशीन बंद पड़ी है। नई मशीन के लिए मेडिकल प्रशासन की कवायद शुरू है, लेकिन लंबा इंतजार करने के बावजूद नई मशीन नहीं आ पाई है। इससे गरीब मरीजों को एमआरआई करने के लिए बाहर जाना पड़ता है। ऐसे ही कुछ समस्याओं को लेकर रविवार को सेवा फाउंडेशन द्वारा नए तरीके का आंदोलन किया जानेवाला है। संस्था द्वारा एमआरआई मशीन का क्या हुआ? इस सवाल को लेकर मेडिकल परिसर के करीब 25 स्थानों पर बैनर लगाए जाने वाले हैं। उद्देश्य यही है कि इस सवाल के जरिए जिम्मेदारों की भूमिका को उजागर करना और आम लोगों की परेशानी से अवगत कराना है।
15 करोड़ का भुगतान, फिर भी मशीन नहीं
संस्था के एक पदाधिकारी के अनुसार 2 साल पहले से एमआरआई मशीन बंद हो चुकी है। इससे सामान्य जनता को परेशानी हो रही है। गरीब व मध्यमवर्गियों को बाहर जाकर एमआरआई करवाने के लिए अधिक पैस देने पड़ रहे हैं। मेडिकल में नई मशीन के लिए हाफकिन कंपनी को 15 करोड़ रुपए का भुगतान किए जाने की जानकारी सूत्रों ने दी है। इसके बावजूद नई मशीन नहीं आई है। गौरतलब है कि कोरोना के बाद म्यूकर माइकोसिस के मरीजों की जांच के लिए एमआरआई जरूरी थी। एमआरआई से ही ब्लैक फंगस किस अंग तक पहुंचा है, इसकी सही रिपोर्ट मिलती है। मस्तिष्क की जांच के लिए यह बहुत जरूरी है। उस समय लोगों को सर्वाधिक परेशानी का सामना करना पड़ा है। अब भी वही स्थिति बनी हुई है, इसलिए रविवार को बैनर लगाने का आंदोलन किया जा रहा है।
Created On :   24 Oct 2021 5:40 PM IST