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वेंटिलेटर बेड के इंतजार में वैष्णवी की मौत के बाद मेडिकल में जांच समिति गठित
डिजिटल डेस्क, नागपुर. मेडिकल के वार्ड क्रमांक 48 में उपचार के लिए भर्ती 17 साल की वैष्णवी को 40 घंटे तक वेंटिलेटर बेड नहीं मिल पाया, जिससे उसकी मौत हुई। इस घटना के बाद मेडिकल प्रशासन गंभीर हुआ है। घटना की दखल लेते हुए जांच समिति गठित की गई है। समिति की रिपोर्ट के बाद संबंधितों पर कार्रवाई की जाएगी। मेडिकल के अधिष्ठाता डॉ. सुधीर गुप्ता ने स्वयं इस घटना का संज्ञान लिया है। उन्होंने शल्य चिकित्सा विभाग के प्राध्यापक डॉ. ब्रजेश गुप्ता की अध्यक्षता में जांच समित का गठन किया है। समिति में अधीक्षक डॉ. शरद कुचेवार, मेडिसिन विभाग के सह प्राध्यापक डॉ. मिलिंद व्यवहारे, बधिरीकरणविभाग के प्राध्यापक वासुदेव बारसागड़े और मेट्रन वैशाली तायडे का समावेश है। समिति की पहली बैठक सोमवार को हाेने की संभावना व्यक्त की गई है। मंगलवार को जांच समिति की रिपोर्ट अधिष्ठाता को सौंपी जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर दोषी होने पर संबंधितों पर कार्रवाई की जाएगी।
यह है पूरा मामला : गौरतलब है कि वणी निवासी 17 साल की वैष्णवी राजू बागेश्वर की तबीयत बिगड़ने से बुधवार को उसे मेडिकल में लाया गया था। वेंटिलेटर बेड नहीं मिलने से उसे वार्ड क्रमांक 48 में रखा गया। अतिदक्षता विभाग में 30 वेंटिलेटर बेड है। इनमें से एक भी बेड खाली नहीं था। रिकवरी विभाग में भी वेंटिलेटर बेड नहीं होने की जानकारी दी गई। जिंदगी और माैत के बीच झूल रही वैष्णवी काे एक वेंटिलेटर बेड नहीं मिल पाया। उसे एंबुबैग लगाकर ऑक्सीजन देने की प्रक्रिया शुरू की गई। एंबुबैग की पंपिंग करने के लिए वहां कोई सहायक नहीं था। इस कारण वैष्णवी के माता-पिता काे ही पंपिंग करने को कहा गया। यह पंपिंग कितने समय में कितनी बार करनी है, इस बारे में माता-पिता का कुछ पता नहीं था। जानकारी नहीं होने के बावजूद माता-पिता एंबुबैग की पंपिग करते रहे। 40 घंटे तक कभी मां तो कभी पिता पंपिंग करते रहे। शुक्रवार की सुबह वैष्णवी मृत्यु हुई। इस घटना के बाद मेडिकल प्रशासन हरकत में आया। वैष्णवी की मृत्यु की जांच करने के लिए समिति का गठन किया गया।
Created On :   18 Sept 2022 5:56 PM IST