सालभर विकास की पटरी पर सरपट दौड़ती रही मेट्रो, 25 मीटर की ऊंचाई पर काम रहा आकर्षण का केंद्र

Metro on development track, working at the height of 25 meters is center of attraction
सालभर विकास की पटरी पर सरपट दौड़ती रही मेट्रो, 25 मीटर की ऊंचाई पर काम रहा आकर्षण का केंद्र
सालभर विकास की पटरी पर सरपट दौड़ती रही मेट्रो, 25 मीटर की ऊंचाई पर काम रहा आकर्षण का केंद्र

डिजिटल डेस्क, नागपुर। 36 माह पहले नागपुर शहर में मेट्रो ने अपने पांव जमाना शुरू किया था। लेकिन वर्ष 2018 में सबसे तेज गति से काम किया गया। कुल 6 नए स्टेशनों के साथ रीच-1 व 2 का लगभग मार्ग तैयार किया गया। इसके अलावा रीच-3, 4 में भी 60 प्रतिशत काम पूरा किया गया। चुनौतीपूर्ण तरीके से एलिवेटेड मार्ग बनाया। हालांकि आईएलएफएस कंपनी के वित्त संकट के चलते काम की गति प्रभावित हुई, लेकिन जल्द ही काम गति पूर्ववत हुई। निर्माणकार्य के दौरान कई बार बड़े हादसे भी हुए। इन हादसों को लेकर लोगों ने प्रशासन को कठघरे में खड़ा भी किया। प्रशासन को गलतियों के बदले हर्जाना भी देना पड़ा।

साल के पहले ही महीने में मेट्रो ने खापरी स्टेशन तैयार कर दिया। पश्चात बर्डी तक की राह का काम शुरू किया गया। राज्य सरकार से मिली निधि के अलावा जर्मनी व फ्रांस की कंपनियों से कर्ज लेकर विकास कार्य शुरू किया गया। पहले खापरी से एयरपोर्ट साउथ तक एटग्रेट यानी जमीन स्तर पर मेट्रो की राह बनाई गई। इसके बाद न्यू एयरपोर्ट, एयरपोर्ट साउथ स्टेशन का निर्माण अप्रैल माह तक कर लिया गया। इधर बर्डी-हिंगना मार्ग का काम भी युद्धस्तर पर शुरू किया गया। बर्डी से एलईडी कॉलेज चौक, धरमपेठ कॉलेज, सुभाष नगर, वसंत नगर, बंसी नगर और लोकमान्य नगर तक एलिवेटेड यानी जमीन से 20 मीटर ऊंचाई पर मेट्रो ट्रैक का काम शुरू किया गया।

25 मीटर की ऊंचाई पर काम रहा आकर्षण का केंद्र
व्यस्त सड़कों पर चुनोतियों के बीच दिसंबर तक पूरे सेक्शन में काम पूरा किया गया। इसी तरह बर्डी से ऑटोमोटिव चौक व प्रजापति नगर के बीच पिलरों को जमाया गया। शहर में सड़क से 25 मीटर ऊंचाई पर होने वाला काम शहरवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। 

लोगों ने लिया जॉय राइड का आनंद
रीच-1 के तहत खापरी से एयरपोर्ट साउथ स्टेशन तक कुल 5 किमी का मार्ग पूरी तरह तैयार किया गया। हालांकि इतनी कम दूरी तक मेट्रो चलाने पर प्रतिसाद नहीं मिलने की बात को ध्यान में रखते हुए और लोगों को मेट्रो के सफर से जोड़ने के लिए जॉय राइड का ऐलान किया गया। 21 अप्रैल को कुल 500 से अधिक लोगों ने मेट्रो ने खापरी से एयरपोर्ट साउथ का सफर किया। अब तक यह सफर लगातार हो रहा है। 25 हजार से ज्यादा लोग  इस सफर का मजा ले चुके हैं। 

यह रहा ऐतिहासिक पल
जब मेट्रो शुरू होगी, तो इसकी रफ्तार 90 से 110 किमी प्रति घंटा रहने वाली है। 30 सितंबर को सीआरएस टीम के सामने मेट्रो को पहले 1500  रेत की बोरियां भरकर 90 किमी के रफ्तार पर दौड़ाया गया। बिना किसी दिक्कत के मेट्रो ने यह रफ्तार मात्र 3 किमी में छूने के बाद इसे सफल परीक्षण बताया गया। मजदूरों ने लगाया काम पर ब्रेक मेट्रो ने आईएलएफएस कंपनी को रीच-1 यानी बर्डी से खापरी का निर्माणकार्य दिया, लेकिन कंपनी वित्त संकट में आने से मजदूरों को 4 माह का वेतन नहीं मिला। ऐसे में मजदूरों ने नाराजगी जताते हुए 10 दिसंबर को काम बंद कर दिया। कुछ दिन कार्यालय के सामने लेनदारों ने हंगामा भी किया।

हादसे ने दहला दिया
निर्माणकार्य के दौरान शहर में दुर्घटनाएं भी होती रहीं। वाहनधारकों को चोटें लगती रहीं। सबसे भयानक हादसा रीच-3 अंतर्गत अगस्त माह में हुआ। एक क्रेन की चपेट में आने से 3 युवतियों की मौत हुई। इसे प्रशासन की लापरवाही मानते हुए कार्यालय के सामने हंगामा भी हुआ। हालांकि मृतकों के परिजनों को हर्जाना देने पर मामला कुछ हद तक शांत हुआ। 

चीन ने तैयार की है मेट्रो, दो मेट्रो हैदराबाद से लायी गई हैं। 69 मेट्रो के कोच का ऑर्डर चीन को दिया गया है। सबसे कम दाम यानी 8 करोड़ में मेट्रो प्रशासन ट्रेनों का निर्माण कर रहा है। रीच-1 व रीच-3 में मार्च तक वाणिज्यिक तौर पर मेट्रो चलाने का ऐलान किया गया है। नये साल के पहले ही कुछ कोच नागपुर आना अपेक्षित है। चीन ने दिसंबर माह की शुरुआत में ही नागपुर आने वाले 6 कोच तैयार कर दिए। 15 दिसंबर यह कोच नागपुर के लिए जहाज से रवाना किए गये हैं।

Created On :   30 Dec 2018 12:16 PM GMT

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