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सांसद ग्राम के मजदूरों की व्यथा, कड़ी धूप में काम करने वालों को दिये जा रहे 100 रुपए

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। गोरेगांव तहसील अंतर्गत ग्राम पाथरी के मजदूरों को मजदूरी इतनी कम है कि इनका गुजर-बसर मुश्किल होता है। मजदूरों ने मांग की है कि मनरेगा के काम पर कम से कम 200 रुपए मजदूरी दी जाए अन्यथा काम नहीं किया जाएगा। मजदूरों ने काम किए बिना ही घर लौट गए। उल्लेखनीय है कि इस ग्राम को सांसद प्रफुल्ल पटेल ने गोद लियाा है। करोड़ों रुपए काम कर राज्य में एक विकसित ग्राम के नाम से पहचान बनाई है, लेकिन यहां के मजदूरों की व्यथा है कि कड़ी धूप में 8 घंटे पसीना बहाने के बाद भी उन्हें 80 से 100 रुपए तक ही मेहनताना मिलता। यही एक वजह है कि सैकड़ों मजदूरों को मनरेगा के काम का बहिष्कार करना पड़ा।
इस संदर्भ में जानकारी दी गई कि मजदूरों को ग्राम में ही काम दिलाने के उद्देश्य को लेकर ग्राम पंचायत प्रशासन ने गोरेगांव पंचायत समिति के पास काम की डिमांड की। डिमांड पर 424 मजदूरों को मामा तालाब गहराईकरण का काम दिया गया। 24 अप्रैल को मामा तालाब का काम शुरू किया गया। जहां पर लगभग 200 से अधिक मजदूर उपस्थित हुए। इस दौरान काम करने की प्रक्रिया का पठन किया गया। इस दौरान मजदूरों ने मांग की है कि 200 रुपए प्रतिदिन मजदूरी दी जाए अन्यथा काम नहीं किया जाएगा, किंतु सरकारी रेट के अनुसार ही काम पर दाम दिए जाने की जानकारी उपस्थित अधिकारियों ने दी। इस पर मजदूरों ने काम न करने का निर्णय लेते हुए मांग की कि जब तक 200 रुपए मजदूरी नहीं दी जाती तब तक मनरेगा का काम नहीं किया जाएगा। इस कारण काम को बंद करना पड़ा। मजदूरों ने जानकारी दी कि तेज धूप में 8 घंटे काम करने के बावजूद भी मजदूरों को बड़े मुश्किल से 100 रुपए तक की रोजी मिल पाती है। इतनी कम रोजी में कैसा परिवार चलेगा। उनकी मांग भी एक प्रकार की जायज है। प्रशासन ने सरकारी दर में 2 गुना बढ़ोत्तरी कर मजदूरों की समस्या हल करनी चाहिए।
काम पर मिलता है दाम
शासन ने एक क्युबिक मीटर काम करने पर 89 रुपए 31 पैसा दर निश्चित किया है। जितना काम मजदूर करेंगे सरकारी दर के हिसाब से उतना ही दाम उन्हें दिया जाता है। पाथरी के मजदूरों ने औसतन 200 रुपए रोज देने की मांग की है।
- विवेक शेंडे, अभियंता मनरेगा, गोरेगांव
मजदूरी दर में करें बढ़ोत्तरी
शासन ने मनरेगा के काम के सरकारी दर तय किया है। एक क्युबिक मीटर काम के लिए 86.31 पैसे दर रखा है। इस दर से मजदूरों को रोजी बड़ी मुश्किल से 100 रुपए तक मेहनताना मिलता है। यदि इसी दर को 2 गुना बढ़ाया जाए तो निश्चित तौर पर मजदूरों को 150 से 200 रुपए तक मेहनताना मिल सकेगा। इसलिए प्रशासन ने दर में 2 गुना बढ़ोत्तरी करनी चाहिए।
- केवलराम बघेले, पंस सदस्य पाथरी
Created On :   26 April 2019 3:48 PM IST