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ग्राम पंचायत सचिव-जनपद अधिकारियों की मिलीभगत से कर्मकार कल्याण मंडल योजना में हुआ लाखों का फर्जीवाड़ा

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। शहर से चंद किलोमीटर दूर स्थित एक गांव में फर्जीवाड़े का सनसनीखेज मामला सामने आया है। 25 ग्रामीणों को कागज में मृत बताकर इनके फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिए गए। दैनिक भास्कर टीम जब शुक्रवार दोपहर को गांव पहुंची तो जो लोग कागज में मृत बताए गए थे, उनमें से कुछ लोग खेत में काम कर रहे थे तो कुछ लोग घर में आराम। दरअसल, उन्हें भी खबर नहीं थी कि कागज में उनकी मौत हो चुकी है। ये सनसनीखेज मामला छिंदवाड़ा जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बोहनाखेरी का है। कोरोना काल का फायदा उठाकर इस ग्राम पंचायत में ग्राम पंचायत सचिव द्वारा 25 लोगों का फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया। शासन की ओर से मिलने वाली अनुगृह राशि दो लाख रुपए भी निकाल ली गई। ये खबर जब गांव में फैली तो हडक़ंप मच गया। जिन जिंदा लोगों को गांव में मृत बताया जा रहा है वे अपने जिंदा होने का सबूत लेकर दफ्तरों में घूम रहे हैं। वहीं कुछ को तो ये भी खबर नहीं है कि वे सरकारी कागज में मर चुके हैं।
फर्जी खाते खोले, नाते-रिश्तेदारों के नाम कर ली राशि
इस बड़े फर्जीवाड़े में गांव के सचिव राकेश चंदेल की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। फर्जी खाते खोलकर सचिव द्वारा अपने रिश्तेदार संजय चौरे, कलसिया चौरे, वर्षा चंदेल, चंद्रभान और खुद के खाते में राशि डाल ली गई। ग्रामीणों को तो पता भी नहीं है कि उनका फर्जी खाता खोला जा चुका है।
जनपद के अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध
इस बड़े फर्जीवाड़े में जनपद के अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। ग्राम पंचायत से लेकर छिंदवाड़ा जनपद पंचायत तक को खबर थी कि ये बड़ा फर्जीवाड़ा बोहनाखेरी ग्राम पंचायत में हुआ है लेकिन बिना किसी जांच पड़ताल के अनुगृह राशि फर्जी मृतकों के खाते में डाली जा रही थी।
फर्जी लोगों का अंतिम संस्कार किया, पांच की राशि भी निकाल ली
ग्राम पंचायत में सिर्फ कर्मकार मंडल में ही फर्जीवाड़ा नहीं हुआ, बल्कि गांव के विजय अहिरवार, पुनू यादव, महेंद्र विश्वकर्मा, महालाल पंचेश्वर के अंतिम संस्कार के नाम पर पांच-पांच हजार की अंत्येष्टि राशि भी सचिव द्वारा खुद के खाते में डाल ली गई। जबकि ये लोग अभी भी जिंदा है।
दो साल में 106 लोगों के जारी हुए मृत्यु प्रमाणपत्र
बोहनाखेरी ग्राम पंचायत में पिछले दो सालों में जारी हुए मृत्यु प्रमाणपत्र भी अब संदेह के घेरे में है। बताया जा रहा है कि दो सालों के भीतर ग्राम पंचायत से 106 लोगों को मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किए गए। ग्रामीणों ने दैनिक भास्कर की टीम को बताया कि यदि इसकी भी जांच हुई तो बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आएगा।
ये हैं नियम
- कर्मकार कल्याण मंडल का कार्ड जनपद स्तर पर बनाया जाता है। यदि किसी सदस्य की मौत हो जाए तो पंचायत समंवयक अधिकारी ग्राम पंचायत में जाकर फील्ड वेरिफिकेशन करते हुए पांच लोगों की मौजूदगी में पंचनामा तैयार करता है। उसके बाद ही जनपद पंचायत से सहायता स्वरूप दो लाख रुपए की राशि सेंक्शन की जाती है।
इन जिंदा लोगों को कागज में बना दिया मुर्दा
- जगदीश पंचेश्वर
- लेखराम यादव
- घनश्याम यादव
- अनीता पाल
- किरण मालवीय
- शेख इस्माइल
- विनोद पाल
- मनकलाल यदुवंशी
- बिंद्रा सोनी
- कलसिया बाई
- सज्जेलाल यदुवंशी
- ललिता सोनी
- श्रीमति कृष्णा
- बीरपाल यदुवंशी
- कचरा यादव
- चंद्र विश्वकर्मा
- महालाल पंचेश्वर
- रामप्रसाद यदुवंशी
- अनारकली खडिया
- रवि सोनी
- चिरकुट मालवीय
- सुनील अहिरवार
- यशोदा मंसूरी
इनका कहना है...
- मामला की जांच करवाएंगे। वरिष्ठ अधिकारियों को पूरे प्रकरण की रिपोर्ट तैयार करते हुए संबंधित के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के लिए निर्देशित किया जाएगा।
कमल पटेल प्रभारी मंत्री, छिंदवाड़ा
- तहसीलदार से प्रकरण की जांच करवाई जाएगी। मामले में जनपद या पंचायत का कोई भी अधिकारी लिप्त हुआ तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करेंगे।
अतुलसिंह एसडीएम, छिंदवाड़ा
- गलती हो गई है। छोटा भाई समझकर आपका आशीर्वाद चाहिए। दोबारा ऐसा नहीं होगा।
-राकेश चंदेल सचिव, ग्राम पंचायत बोहनाखेड़ी
Created On :   28 Aug 2021 3:11 PM IST