नागपुर से जुड़ा नशे का कारोबार, पड़ोसी मुल्कों से आता है करोड़ों का नशीला पदार्थ

millions of intoxicants is coming from neighboring countries
नागपुर से जुड़ा नशे का कारोबार, पड़ोसी मुल्कों से आता है करोड़ों का नशीला पदार्थ
नागपुर से जुड़ा नशे का कारोबार, पड़ोसी मुल्कों से आता है करोड़ों का नशीला पदार्थ

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नशे जैसी भयानक समस्या से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयास विफल होते नजर आ रहे हैं। सूत्रों अनुसार पड़ोसी मुल्कों में तैयार होने वाला नशीला पदार्थ मुंबई के रास्ते देश के दूसरे शहरों के अलावा उपराजधानी तक पहुंचने में सफल हो जाता है। पिछले वर्ष मुंबई से दो नाइजीरियन को नशे के कारोबार करने के मामले में गिरफ्तार कर नागपुर लाया गया था। नागपुर में नशे का पनपता कारोबार अब करोड़ों तक पहुंच चुका है। पिछले ढाई साल में नशे के कारोबार से जुड़े और उसका सेवन करने वाले करीब 400 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया, जिसमें मादक पदार्थों का सेवन करने वाले आरोपियों की संख्या 127 है।

ढाई वर्ष में 262 केस नशे के
शहर अपराध शाखा पुलिस विभाग के आंकड़े बताते हैं कि ढाई वर्ष में 262 केसेस नशे के कारोबार से जुड़े मामले में दर्ज किए गए। नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए बनाए गए मादक पदार्थ विरोधी दस्ते ने अलग-अलग स्थानों पर कार्रवाई करते हुए 2400 किलोग्राम से अधिक नशीले पदार्थ जब्त किए। इनमें गांजा, गर्द पाउडर, चरस, कोकीन, हेरोइन व अन्य नशीले पदार्थ शामिल हैं। जब्त किए गए नशीले पदार्थ की कीमत करीब 3 करोड़ 95 लाख रुपए है। सूत्रों के अनुसार नागपुर में पड़ोसी मुल्कों से आने वाले नशीले पदार्थ नशे के कारोबार लाने लगे हैं, यही कारण है कि पड़ोसी मुल्कों में बनने वाली हेरोइन और कोकीन नागपुर के नशे के गलियारों में बिकने लगी है।

स्टूडेंट्स अधिक होते हैं आदी
देश में नशीले पदार्थों का सेवन करने वालों में लगभग 40 प्रतिशत कॉलेज छात्र हैं, जिनमें लड़कियों की संख्या भी काफी है। देश के विभिन्न काॅलेजों में स्थिति यह है कि काॅलेजों के अंदर ही बड़ी आसानी से नशीले पदार्थ उपलब्ध हो जाते हैं। अपराध शाखा पुलिस विभाग के आला अफसरों का मानना है कि नशीले पदार्थ के सेवन का प्रमाण संतरानगरी में करीब 1 प्रतिशत है। नशीले पदार्थों के सेवन को चूंकि समाज में अच्छी नजर से नहीं देखा जाता, इसलिए इसके शिकार लोग चिकित्सकीय सहायता लेने में हिचकते हैं।

मादक पदार्थों की तस्करी
जानकारों की मानें तो भारत में मादक पदार्थों की तस्करी अफगानिस्तान, पाकिस्तान, चीन, बर्मा, ईरान आदि देशों के जरिए होती है। इंटरनेशनल नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भौगोलिक स्थिति के कारण भारत नशीली दवाओं की तस्करी के लिए सबसे अच्छा रास्ता बन गया है। नशीले पदार्थों के सेवन से बढ़ते खतरे के मद्देनजर 1998 में राष्ट्रीय मादक द्रव्य निवारण संस्थान (एनसीडीएपी) की स्थापना की गई।

पुलिस करती है कार्रवाई
नागपुर में नशे का कारोबार पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस पीछे नहीं है। पुलिस के बढ़ते शिकंजे के कारण नागपुर में नशे का कारोबार का प्रमाण राज्य के अन्य शहरों की अपेक्षा काफी कम है। पुलिस बढ़ती कार्रवाई के कारण नशे में लिप्त आरोपियों में खलबली मची रहती है।
संभाजी कदम, उपायुक्त, अपराध शाखा पुलिस विभाग, नागपुर

घोषणा तो यह भी हुईं थीं

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मार्च 2018 में देश में मादक पदार्थों के खिलाफ कड़े कदम उठाने का आह्वान करते हुए कहा था कि मादक पदार्थ तस्करों की संपत्ति जब्त की जानी चाहिए और मादक पदार्थ तस्करों के गिरोह के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
 

Created On :   1 Sept 2018 5:41 PM IST

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