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PM के इस नए मिनिस्टर का नागपुर से है खास कनेक्शन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मोदी सरकार में मंत्री बनने वाले डा. सत्यपाल सिंह तोमर नागपुर के पुलिस आयुक्त रह चुके हैं। वे नागपुर के 27वें पुलिस आयुक्त थे। उनका कार्यकाल करीब 1 वर्ष का रहा। इस दौरान उन्होंने नागपुर में कई सराहनीय कार्य किए। वे सेहत को लेकर काफी गंभीर रहते हैं। नागपुर में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने एक सफेद काले रंग वाली गाय पाल रखी थी। एक समय में करीब 15 लीटर दूध देने वाली इस गाय को उन्होंने हरियाणा से मंगवाया था। इसकी देखरेख का जिम्मा उन्होंने बंगले पर काम करने वाले मारुति साखरकर नामक हवलदार को सौंपा था।
गौरतलब है कि, जब उनका तबादला पुणे हुआ था तब वे इस गाय को अपने साथ पुणे और फिर मुंबई ले गए। उन्हें गाय पालने का बेहद शौक है। वे जहां भी पुलिस आयुक्त बनकर गए, गाय को साथ लेकर गए। वर्तमान पुलिस आयुक्त डा. के व्यंकटेशम पुलिस आयुक्तालय की दीवार से सटे जिस बंगले में रहते हैं वहीं पर डा. सत्यपाल भी रहा करते थे। इस बंगले के अन्दर पीली मिट्टी से गौशाला बना रखी थी, जिसमें गाय को रखा जाता था। गाय के लिए उन्होंने बाकायदा कूलर का इंतजाम भी किया था। जून-2007 में डा. सत्यपाल नागपुर के पुलिस आयुक्त बनकर आए। जुलाई 2008 तक वे नागपुर के पुलिस आयुक्त रहे। वे पुलिस आयुक्तालय में पुलिस परिवार के साथ जनता दरबार लिया करते थे। यहां उन्होंने एक लाइब्रेरी भी शुरू की थी।
नहीं खुल सका पुलिस स्कूल
डा. सत्यपाल सिंह चाहते थे कि पुलिस विभाग के अधिकारियों- कर्मचारियों के बच्चों के लिए CBSE पैटर्न पर एक स्कूल खोला जाए। इसके लिए उन्होंने पुलिस लाइन टाकली स्थित पुलिस मुख्यालय परिसर में स्कूल का शिलान्यास भी किया था। शिलान्यास के लिए तत्कालीन गृहमंत्री स्व.आर अार पाटील को आमंत्रित भी किया, लेकिन वे किन्ही कारणों से नागपुर नहीं आ सके थे, तब डा. सत्यपाल सिंह ने खुद ही स्कूल की आधारशिला रखी, लेकिन स्कूल नहीं खुल सका। इस स्कूल की जगह से सटकर इन दिनों पुलिस कर्मियों के लिए 280 फ्लैट के पुलिस क्वार्टर बन रहे हैं। कहा जाता है कि तब से अब तक 6 पुलिस आयुक्त नागपुर आकर वापस मुंबई जा चुके हैं, लेकिन पुलिस के बच्चों के लिए बनने वाले स्कूल का काम आगे नहीं बढ़ सका। हालांकि उस समय स्कूल के लिए निधि भी मंजूर हो चुकी थी।
पहली पोस्टिंग नाशिक में
डा. सत्यपाल रसायन विज्ञान में स्नातकोत्तर हैं। उन्होंने एम.फिल. (केमिस्ट्री), ऑस्ट्रेलिया से एमबीए और लोक प्रशासन में एमए और पीएचडी भी किया है। सिंह की पहली पोस्टिंग नासिक में सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में हुई। इसके बाद बुलढाणा के पुलिस अधीक्षक बने। मुंबई पुलिस प्रमुख नियुक्त किए जाने से पहले डा. सिंह महाराष्ट्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक थे। उन्होंने मुंबई में संयुक्त आयुक्त पुलिस(क्राइम) के रूप में भी काम किया है।
नागपुर के पुलिस आयुक्त के अलावा विशेष पुलिस महानिरीक्षक कोकण रेंज उनके पास था। वे CBI में प्रतिनियुक्ति पर भी रहे हैं। आंध्रप्रदेश और एमपी नक्सली इलाकों में असाधारण कार्य के लिए उन्होंने विशेष सेवा पदक भी प्राप्त किया। उन्होंने 2004 में प्रतिष्ठित सेवा के लिए राष्ट्रपति के पदक तथा 1996 में उत्कृष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक और उसी वर्ष डीजी के प्रतीक चिन्ह का सम्मान पाया।
Created On :   4 Sept 2017 7:58 PM IST