कोल इंडिया की कंपनियों - एनसीएल, सीसीएल और डब्ल्यूसीएल को कोयला मंत्री पुरस्कार, 2020 से सम्मानित किया गया

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कोल इंडिया की कंपनियों - एनसीएल, सीसीएल और डब्ल्यूसीएल को कोयला मंत्री पुरस्कार, 2020 से सम्मानित किया गया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोयला मंत्रालय कोल इंडिया की कंपनियों - एनसीएल, सीसीएल और डब्ल्यूसीएल को कोयला मंत्री पुरस्कार, 2020 से सम्मानित किया गया केंद्रीय कोयला मंत्री ने ‘प्रोजेक्ट पैशन’ - ईआरपी ऑफ़ कोल इंडिया लिमिटेड’ का शुभारंभ किया केंद्रीय कोयला मंत्री ने एनसीएल के कृष्णशिला कोल परियोजना में नए कोल हैंडलिंग प्लांट (सीएचपी) का उद्घाटन किया केंद्रीय कोयला और खान मंत्री श्री प्रहलाद जोशी ने नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में कोल इंडिया लिमिटेड की तीन कंपनियों - नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल), सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) और वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल) को "कोयला मंत्री पुरस्कार" प्रदान किये। यह पुरस्कार देश के कोयला खनन में सबसे अच्छे और स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया है। श्री जोशी ने कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के ‘प्रोजेक्ट पैशन’ - एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी)’ को भी लॉन्च किया, जो डेटा एकीकरण की सहायता से कंपनी के व्यवसाय प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद करेगा। सीआईएल की अनुषंगी कंपनी एनसीएलको कोयला उत्पादन और उत्पादकता में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जबकि इसकी अन्य कंपनियों सीसीएल और डब्ल्यूसीएल को क्रमशः सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा प्रथाओं और टिकाऊ खनन को अपनाने के लिए पुरस्कार दिए गए। श्री जोशी ने कहा, “कोयला हमारी ऊर्जा आकांक्षाओं की जीवन रेखा है और बनी रहेगी। भारत का लक्ष्य कोयले के उत्पादन में सुरक्षा और स्थायित्व के साथ आत्मनिर्भर बनना है। इस तरह के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए यह पुरस्कार शुरू किया गया है। मैं विजेताओं को बधाई देता हूं और आशा करता हूं कि कंपनियां आने वाले समय में कुशल, सुरक्षित और टिकाऊ खनन के उच्च मानक स्थापित करेंगी।“ कोल इंडिया में ईआरपी को दो चरणों में लागू किया जाएगा। पहले चरण में सीआईएल मुख्यालय और इसकी दो सहायक कंपनियों डब्ल्यूसीएल और एमसीएल के परिचालन शामिल किए गए। चरण-II में बाकी 6 सहायक कंपनियों को शामिल किया जायेगा और इस साल अगस्त तक इसके शुरूहोने की उम्मीद है। श्री जोशी ने कहा, “ईआरपी के कार्यान्वयन से सीआईएल को वास्तविक समय में निर्णय लेने, दक्षता में सुधार करने और लागत कम करने में मदद मिलेगी। यह वित्त वर्ष 23-24 तक सीआईएल को 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य प्राप्त करने और इसे आज के गतिशील और बदलते ऊर्जा परिदृश्य में सबसे कुशल खनन कंपनियों में से एक होने में सक्षम बनाएगा। मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एनसीएल के कृष्णशिला कोल परियोजना में नए कोल हैंडलिंग प्लांट (सीएचपी) का उद्घाटन किया। इस प्लांट की क्षमता 4 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए)है। यह अत्याधुनिक सीएचपीकन्वेयर बेल्ट और रैपिड लोडिंग सिस्टम के माध्यम से उत्तर प्रदेश राज्यविद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के अनपरा थर्मल पावर स्टेशन (एटीपीएस) और हिंडाल्को के रेणुसागर पावर डिवीजन को कोयले का परिवहन करेगी। कृष्णशिलासीएचपीसीआईएलकी 35 फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी (एफएमसी) परियोजनाओं का हिस्सा है। प्लांट ने वित्त वर्ष 23-24 तक 400एमटीपीएप्रति वर्ष की क्षमता हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। प्लांट में बारह हजार पांच सौ करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। श्री जोशी ने कहा, “मुझे खुशी है कि कोयला कंपनियां तेजी से फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी (एफएमसी) परियोजना की दिशा में आगे बढ़ रही हैं, जिससे कोयला खनन प्रक्रिया में सुधार आएगा और पर्यावरण की रक्षा में मदद मिलेगी। इससे न केवल पारदर्शिता आएगी बल्कि खनन क्षेत्रों में और इसके आसपास रहने वाले लोगों का जीवन आसान हो जाएगा। कृष्णशिला सीएचपी को जोड़ते हुए, कोल इंडिया ने 30 एमटीपीए क्षमता के साथ अपनी तीन एफएमसी परियोजनाओं में सफलतापूर्वक परिचालन शुरू किया है। दो परियोजनाएं - एसईसीएल और एमसीएल में एक-एक- 26 एमटीपीए की संयुक्त क्षमता के साथ पिछले साल क्रमशःफरवरी और अप्रैल से चालू हैं। शेष 32 एफएमसी परियोजनाएं पूरा होने के विभिन्न चरणों में हैं और वित्त वर्ष 23-24 के अंत तक इनके पूरे होने की उम्मीद है। वर्तमान में सीआईएल 150एमटीपीएसे अधिक के कोयले का यांत्रिक परिचालन करता है। इन सभी 35 एफएमसी परियोजनाओं के पूरा होने के साथ, कंपनी की मशीनीकृत कोयला परिचालन (हैंडलिंग) क्षमता 550 एमटीपीए हो जाएगी।

Created On :   22 Jan 2021 2:27 PM IST

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