7 साल बाद मिले नाबालिग, बाल निरीक्षण गृह से थे भागे

Minor found after 7 years, ran away from child inspection home
7 साल बाद मिले नाबालिग, बाल निरीक्षण गृह से थे भागे
ऑपरेशन 7 साल बाद मिले नाबालिग, बाल निरीक्षण गृह से थे भागे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पाटणकर चौक जरीपटका के शासकीय बाल निरीक्षण गृह के 3 नाबालिग स्कूल जाने के बाद दोपहर में भोजन अवकाश में मौका पाकर भाग गए थे। इनके अपहरण का मामला जरीपटका थाने में दर्ज हुआ था। इनमें से एक बालक को जरीपटका पुलिस ने दो दिन बाद ही खोज निकाला था, मगर दो बालकों का कुछ पता नहीं चल पाया था।  अपराध शाखा पुलिस विभाग के मानव तस्कर विरोधी पुलिस दस्ते ने करीब 7 साल बाद गत 19 अगस्त 2022 को इन्हें खोज निकाला। एक को केरल और दूसरे को मध्य प्रदेश से पकड़ा गया।  जब ये दोनों भागे थे, तब इनकी उम्र 12 और 13  वर्ष थी। अब ये दोनों  बालिग हो चुके हैं, मगर पुलिस के रिकार्ड में आज भी ये शासकीय बाल निरीक्षण गृह से भागे हुए नाबालिग हैं। ये दोनों जरीपटका के नागसेन नगर में वैशाली प्राथमिक स्कूल में पढ़ने जाया करते थे।  

स्कूल पढ़ने भेजे गए थे : पुलिस सूत्रों के अनुसार, पाटणकर चौक जरीपटका स्थित  शासकीय बाल निरीक्षण गृह से 31 जनवरी 2015 को 10, 11 व  13 वर्षीय बालक नागसेन नगर जरीपटका में वैशाली प्राथमिक स्कूल में पढ़ने के लिए भेजे गए थे। ये तीनों स्कूल से भाग गए थे। इनके गायब हो जाने की शिकायत जरीपटका में की गई तो पुलिस ने इनकी उम्र को देखते हुए अपहरण का मामला दर्ज किया। इसमें से एक बालक को पुलिस ने उस समय पकड़ लिया था। यह स्कूल में पढ़ने दोबारा भेज दिया गया था, लेकिन दो नहीं मिले थे। एक गुजरात और दूसरा मध्य प्रदेश चला गया। इस मामले की जांच अपराध शाखा पुलिस विभाग के मानव तस्करी विरोधी पुलिस दस्ते (एएचटीयू) को सौंपी गई।  दस्ते ने पहले गुजरात और फिर वहां से केरल गए बालक को काजीकोट जिले से और दूसरे को मध्यप्रदेश से खोज निकाला। दोनों को फिलहाल जरीपटका पुलिस के हवाले कर दिया गया है। पुलिस  उपायुक्त चिन्मय पंडित के मार्गदर्शन में कार्रवाई की गई। मानव तस्कर विरोधी पुलिस दस्ते की पुलिस  निरीक्षक मंदा मनगटे, सहायक निरीक्षक रेखा संकपाल, गजानन चांभारे,   सुनील वाकडे, शरीफ शेख, ऋषिकेश डुमरे, आरती चव्हाण व अन्य ने कार्रवाई में सहयोग किया।  

इनकी अपनी कहानी : एक बालक के पिता ने दूसरी शादी कर ली, तो वह उनके साथ नहीं रहना चाहता था। दूसरे बालक की मां ने दूसरी शादी कर ली, तो वह न पिता के पास रहना चाहता था और न ही मां के साथ। तीसरे बालक को अपने घर में ही नहीं रहना था, इसलिए घर से भाग गया था। नागपुर में इन्हें लावारिस हालत में जब पाया गया तब उन्हें शासकीय बाल निरीक्षण गृह में भेज दिया गया। उनका भविष्य संवर सके, इसलिए प्रशासन ने उन्हें स्कूल भेजने का इंतजाम किया। इनके अपहरण का मामला दर्ज हुआ, मगर जब मिले तब बताया कि वे खुद ही भागकर गए थे। 

Created On :   21 Aug 2022 5:12 PM IST

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