नाबालिग के दुष्कर्मी को 10 वर्ष का कठोर कारावास, अर्थदण्ड भी लगा

Minor misdemeanor also faces 10 years rigorous imprisonment and fine
नाबालिग के दुष्कर्मी को 10 वर्ष का कठोर कारावास, अर्थदण्ड भी लगा
नाबालिग के दुष्कर्मी को 10 वर्ष का कठोर कारावास, अर्थदण्ड भी लगा



डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा।  नाबालिग पीडि़ता को शादी का प्रलोभन देकर अपने साथ ट्रेेन से ले जाकर भोपाल ले जाकर दुष्कर्म करने वाले एक आरोपी को विशेष सत्र न्यायालय ने 10 वर्ष के कठोर कारावास और 8 हजार रुपए जुर्माने की सजा से दंडित किया है। घटना लगभग डेढ़ साल पुरानी है।
उमरेठ थाना क्षेत्र में एक 14 वर्षीय नाबालिग पीडि़ता को बहला फुसला कर आरोपी पवन 26 फरवरी 2018 को अपने साथ ट्रेन से भोपाल लेकर चला गया था। आरोपी ने लगभग दो स्पताह तक पीडि़ता को भोपाल में एक मजदूर के यहां रखकर दुष्कर्म किया और जब पीडि़ता ने रो-रो कर हगांमा मचाना शुरू किया तो आरोपी उसे 13 मार्च को ट्रेन में बैठाकर वापस गांव ले आया। आरोपी ने अपने चाचा बंशीलाल के माध्यम से पीडि़ता को उसके घर भेज दिया। उमरेठ थाना पुलिस ने पीडि़ता की गुमशुदगी की शिकायत पर पहले ही धारा 363 आईपीसी के तहत प्राथकिमी दर्ज की थी। पीडि़ता के वापस आने पर उसके बताए अनुसार पुलिस ने आरोपी प्रमोद और उसके साहयोगी बंशीलाल के खिलाफ भारतीय दंड विधान और पाक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत प्रथामिकी दर्ज कर प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया जहां विशेष लोक अभियाजक दिनेश कुमार उईके ने अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी की। विशेष सत्र न्यायाधीश संध्यामनोज श्रीवास्तव ने सुनवाई के बाद आरोपी प्रमोद आहके को दोषी पाते हुए धारा 366 आईपीसी में 5 वर्ष के सश्रम कारावास और 2 हजार रुपए जुर्माना, धारा 344 में तीन साल के सश्रम कारावास व 1 हजार रुपए जुर्माना एवं धारा 6 लैगिंग अपराधों से बालकों का सरंक्षण अधिनियम के तहत 10 वर्ष के सश्रम कारावास और 5 हजार रुपए जुर्माने की सजा से दंडित किया है। आरोपी बंशीलाल को दोष मुक्त कर दिया गया है।

Created On :   3 Dec 2020 10:52 PM IST

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