- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- धनगर समाज को राहत पर मिली जुली...
धनगर समाज को राहत पर मिली जुली प्रतिक्रिया, विपक्ष ने बताया चुनावी हथकंडा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। धनगर समाज को राहत को लेकर मिला जुला मत व्यक्त किया जा रहा है। एक ओर सत्ता पक्ष ने से सरकार का बड़ा ताेहफा कहा है वहीं दूसरी तरफ विपक्ष इसे केवल चुनावी हथकंडा कह रहे हैं। राज्य में धनगर समाज को अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल कर आरक्षण देने की मांग की जाती रही है। कांग्रेस व राकांपा की सरकार के समय इस मांग को लेकर काफी आंदोलन भी हुए। पृथ्वीराज चव्हाण के नेतृत्व की सरकार ने इस संबंध में कुछ पहल भी की थी। लेकिन आदिवासियों के विरोध में चलते धनगर को अनुसूचित जनजाति वर्ग में आरक्षण नहीं दिया गया।
2014 के विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा की ओर से कहा गया था कि उनकी सरकार आने पर मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही धनगर आरक्षण दिया जाएगा। लेकिन लंबे भाजपा सरकार भी आरक्षण पर निर्णय नहीं ले पायी। इस बीच मुंबई में चल रहे विधानमंडल के मानसून सत्र में सरकार ने निर्णय लेकर धनगर समाज के कल्याण की योजनाओं के लिए 1000 करोड़ की निधि की घोषणा की है। वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा है कि दुर्बल घटक विकास के तहत यह निधि धनगर समाज में शैक्षिणिक,सामाजिक व आर्थिक विकास की योजनाएं चलाने के काम आएगी।
धनगर समाज के नेता व राज्यसभा सदस्य डॉ.विकास महात्मे व भाजपा के शहर अध्यक्ष सुधाकर कोहले ने इस मामले में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार का आभार माना है। डॉ.महात्मे न मानसून सत्र आरंभ होने के पहले मुख्यमंत्री से इस मामले को लेकर मुलाकात भी की थी। इस पूरे मामले को कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अतुल लोंढे ने चुनावी हथकंडा कहा है। लोंढे के अनुसार भाजपा के नेताओं ने ही धनगर समाज को आरक्षण देने की मांग की थी और आश्वासन भी दिया था।
भाजपा सरकार 4 साल में भी इस संबंध में कोई निर्णय नहीं ले पायी। अब आरक्षण देने के बजाय केवल कल्याण योजना के नाम पर भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है। कल्याण निधि देना ही था तो 4 साल तक इंतजार क्यों किया गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने धनगर समाज को जो आश्वासन दिए वह पूरा नहीं कर पाए हैं।
Created On :   19 Jun 2019 7:26 PM IST