दान के मामले में अपनी जेब ढीली नहीं कर पा रहे हैं विधायक नगरसेवक

MLA corporators are not able to loose their pockets for donations
दान के मामले में अपनी जेब ढीली नहीं कर पा रहे हैं विधायक नगरसेवक
दान के मामले में अपनी जेब ढीली नहीं कर पा रहे हैं विधायक नगरसेवक

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना संकट को लेकर आर्थिक सहयोग का दौर चल पड़ा है। प्रधानमंत्री राहत कोष व मुख्यमंत्री सहायता निधि में आर्थिक सहयोग दिया जा रहा है। सहायता के मामले में राजनीतिक दल व राजनीतिक कार्यकर्ता भी सोशल मीडिया पर तस्वीरों के साथ छाए हुए हैं लेकिन वास्तविकता चौंकानेवाली है। शहर ही नहीं राज्य भर में ऐसे जनप्रतिनिधि सामने नहीं आए हैं जिन्होंने निजी तौर की दान दिया हो। जो भी दान या सहायता दी जा रही है वह सरकार की ओर से मिलनेवाली निधि से ही है। लिहाजा साफ कहा जा सकता है कि दाने के मामले में अपनी जेब ढीली करने में विधायक नगरसेवक फिसड्‌डी साबित हो रहे हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के स्थापना दिन पर भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे स्वयं दान करें और दान जुटाएं। लेकिन भाजपा की ओर से भी कार्यकर्ताओं का निजी दान नहीं दिख रहा है। राज्य में सत्ता में शामिल कांग्रेस, राकांपा व शिवसेना की ओर से भी कार्यकर्ताओं का निजी आर्थिक सहयोग सामने नहीं आ रहा है।

ऐसे जमा हो रहा है सहयोग

कांग्रेस राकांपा के विधानसभा व विधानपरिषद के सदस्यों के एक माह का वेतन मुख्यमंत्री सहायता निधि व लोकसभा, राज्यसभा सदस्यों का वेतन प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा करने का निर्णय लिया गया है। राज्य में सत्ता का नेतृत्व कर रही शिवसेना के विधायक व सांसद मुख्यमंत्री सहायता निधि में वेतन जमा कराएंगे। उधर भाजपा ने पार्टी कोष में वेतन जमा कराने का निर्णय लिया है।

केवल विकास निधि देने पर जोर

चुने हुए जनप्रतिनिधि केवल विकास निधि से दान करा रहे हैं। राजनीतिक मामलों के एक जानकार के अनुसार यह निधि वैसे में विविध टैक्स के तौर पर नागरिकों से ली गई निधि है। उसी निधि को दान के तौर पर देने का प्रचार किया जा रहा है।

फिलहाल इंतजार

भाजपा के एक पदाधिकारी के अनुसार फिलहाल स्थिति का इंतजार किया जा रहा है। राहत का यह शुरुआती दौर है। अनाज व स्वास्थ्य सेवा देना जरुरी है। ये दोनों सेवाएं सरकार की ओर से दी जा रही है। लिहाजा सरकार की सहायता को जरुरतमंदों तक पहुंचाना होगा। जरुरत पड़ने पर जनप्रतिनिधि अपनी जेब से दान करने में पीछे नहीं रहेंगे। पदाधिकारी का यह भी कहना है कि सहायता कार्य में फिलहाल प्रशासन के अधिकारी सामने हैं। उन्हें सहायता की जा रही है।

इनका कहना है

राकांपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण कुंटे के अनुसार संकट की इस स्थिति में सभी को सहयोग करना होगा। राजनीतिक कार्यकर्ताओं का आर्थिक सहयोग भी मिलेगा। फिलहाल सरकार की सहायता में सहयोग किया जा रहा है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अतुल लोंढे के अनुसार विकास निधि के सहयोग को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। चुने हुए जनप्रतिनिधियों ने अपनी एक माह की वेतन दी है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता गिरीश व्यास के अनुसार उनकी पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर पर सेवा कार्य शुरु किया है। संगठन के कोष के माध्यम से भी सहयोग दिया जा रहा है। भाजपा के जनप्रतिनिधि सहयोग जुटा रहे हैं। 
ये है राज्य में चुने हुए जनप्रतिनिधियों की स्थिति

लोकसभा सदस्य-48

राज्यसभा सदस्य- 19

विधानसभा सदस्य- 288

विधानपरिषद सदस्य- 78

महानगरपालिका 27,सदस्य 2624

जिला परिषद 34,सदस्य 2006

पंचायत समिति 351,सदस्य 4021

ग्राम पंचायत 27781,सदस्य 2,27,795

नगरपरिषद 230,5023

नगरपंचायत 110,सदस्य 1870

Created On :   8 April 2020 4:34 PM IST

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