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MLA फंड अक्टूबर तक करना होगा खर्च, नवंबर से नए विधायकों को मिलेगा फंड
डिजिटल डेस्क, नागपुर। आगामी अक्टूबर में महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव होंगे। ऐसे में मौजूदा विधायक अक्टूबर तक ही अपने एमएलए फंड का उपयोग कर पाएंगे। ये भावी विधायकों की निधि में सेंधमारी नहीं कर सकेंगे। सरकार ने विधायक निधि में कट लगा दिया है। मौजूदा विधायकों को अप्रैल से अक्टूबर तक की निधि का आवंटन होगा। प्रति माह 16.66 लाख अनुसार उन्हें अक्टूबर तक 1.16 करोड़ रुपए विधायक निधि के रूप में मिलेंगे। इसी निधि में उन्हें अपने क्षेत्र में स्थानीय विकास कार्य करने होंगे। अक्टूबर के बाद यानी नवंबर महीने से नए विधायकों को एमएलए फंड का लाभ मिलेगा। नए विधायक अपने हिस्से की निधि का इस्तेमाल कर जनता के काम कर सके।
सालाना मिलते हैं 2 करोड़
मौजूदा विधायकों के संपूर्ण निधि के खर्च पर सरकार ने रोक लगा दी है। वे अपने कार्यकाल यानी अक्टूबर तक की निधि का इस्तेमाल कर पाएंगे। फिलहाल विधायकों को एमएलए फंड के रूप में सालाना 2 करोड़ रुपए मिलते हैं। लेकिन चुनाव को देखते हुए उन्हें अप्रैल से अक्टूबर तक प्रति माह 16.66 लाख यानी 1.16 करोड़ रुपए देने का निर्णय लिया गया है। महाराष्ट्र में 289 विधानसभा सदस्य है। इसमें दो सदस्य भाजपा के गिरीश बापट और एमआईएम के इम्तियाद जलील लोकसभा चुनाव में निर्वाचित हुए हैं। कांग्रेस के राधाकृष्ण विखे पाटील ने अपना इस्तीफा दे दिया है। इन्हें सिर्फ अप्रैल और मई की निधि मिलेगी। शेष सभी विधानसभा सदस्यों को सात महीने के 1.16 करोड़ रुपए मिलेंगे। सरकार ने इसके लिए 328.70 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। जिला नियोजन समिति के जरिये यह निधि आवंटित होगा। चुनाव को देखते हुए सरकार ने भी प्रशासन को तत्काल यह निधि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। हालांकि सरकार ने यह भी निर्देश दिए हैं कि पहले लंबित व अधूरे पड़े कार्यों को पूरा करने के लिए निधि का उपयोग किया जाए।
पहले साल भर की निधि खर्च कर लेते थे
इससे पहले के कार्यकाल में तत्कालीन विधायक संपूर्ण एमएलए फंड यानी अप्रैल से मार्च तक का इस्तेमाल कर लेते थे। जिस कारण विधानसभा चुनाव में नवनिर्वाचित विधायकों के लिए एमएलए फंड नहीं बचता था। पांच महीने उन्हें सिर्फ आश्वासनों के भरोसे गुजारने पड़ते थे। वित्तीय वर्ष समाप्ति यानी मार्च तक इंतजार करना पड़ता था। अप्रैल से उन्हें फंड मिलना शुरू होता था, जिसके बाद वे कुछ नया कर पाते थे। यही हाल 2014 के विधानसभा चुनाव में जीते विधायकों का हुआ था। जीतकर आने के बाद उनके लिए निधि नहीं थी। ऐसे में वे पांच महीने हाथ मलते रह गए। फिलहाल वर्तमान सरकार ने इस परंपरा को बदल डाला है।
विधानपरिषद सदस्य को 154.83 करोड़
78 विधानपरिषद सदस्यों के लिए 154.83 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। 24 मई को नियोजन विभाग द्वारा जारी परिपत्रक में जिलाधिकारी को मार्गदर्शनक तत्व अनुसार ही काम मंजूर करने को कहा गया है। निधि से खर्च हुई राशि का तालमेल समय रहने करने का भी आदेश दिया गया है।
Created On :   31 May 2019 1:44 PM IST