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मानसून सत्र में कोरोना जांच रिपोर्ट न होने से अटके विधायक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना महामारी के साये में महाराष्ट्र विधानमंडल के दो दिवसीय मानसून अधिवेशन की शुरुआत सोमवार से हो गई। कोरोना जांच रिपोर्ट समय पर नहीं मिलने के कारण विधायकों, मंत्रियों, अधिकारियों और कर्मचारियों को विधानभवन में प्रवेश के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी। कोरोना संकट के कारण विधानभवन परिसर से लेकर सदन के भीतर का नजारा बदला हुआ नजर आया। दोनों सदनों में सदस्य मास्क पहने हुए नजर आए। दोनों सदनों में सदस्यों को बैठने के लिए आसन व्यवस्था दूर-दूर की गई थी। सदन में एक साथ दो सदस्य न बैठ पाए इसके लिए एक आसन को छोड़कर हर दूसरे आसन पर क्रॉस का निशान लगाया गया था। कोरोना संकट के कारण विधायकों की सदन में उपस्थिति भी कम नजर आई। निगेटिव कोरोना जांच रिपोर्ट वाले विधायकों, मंत्रियों, अधिकारियों और कर्मचारियों को ही विधानभवन में प्रवेश की अनुमति दी गई। लेकिन कोरोना जांच रिपोर्ट समय पर नहीं मिलने के कारण कई विधायकों को विधानभवन के भीतर जाने में परेशानी हुई। कोरोना जांच रिपोर्ट के इंतजार में घंटों तक कई अधिकारी -कर्मचारी भी कतार में खड़े नजर आए। भाजपा के विधानसभा सदस्य हरिभाऊ बागडे ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार से रिपोर्ट नहीं मिलने की शिकायत की। बागडे ने कहा कि रिपोर्ट देने को लेकर कोई गंभीर नजर नहीं आ रहा है। प्रदेश के रोजगार गारंटी योजना मंत्री संदीपान भुमरे भी रिपोर्ट के इंतजार में विधान भवन के बाहर खड़े थे। इस पर बागडे ने कहा कि मंत्री को रिपोर्ट नहीं मिली तो हमारी क्या अवस्था होगी। इसी बीच कई और मंत्री और विधायक अपनी शिकायत लेकर उपमुख्यमंत्री के पास पहुंचे। यह देखते हुए उपमुख्यमंत्री ने विधानमंडल के सचिव (कार्यभार) राजेंद्र भागवत को तत्काल बुलाया। उन्होंने भागवत से पूछा कि रिपोर्ट आने में इतनी देरी क्यों हुई। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जिन विधायकों की रिपोर्ट निगेटिव आई है उन्हें तुरंत अंदर आने की अनुमति दी जाए।
औरंगाबाद की रिपोर्ट पर मंत्री को मिला प्रवेश
इसी बीच मंत्री भुमरे ने औरंगाबाद में कराए गए टेस्ट की रिपोर्ट दिखाई। उन्होंने कहा कि औरंगाबाद की टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है पर मुंबई की टेस्ट रिपोर्ट अभी तक नहीं मिल पाई है। इस पर उपमुख्यमंत्री ने अफसरों को भुमरे को विधानभवन में प्रवेश की अनुमति देने का निर्देश दिया। इसके बाद उपमुख्यमंत्री विधानभवन भवन के आईटी डेस्क के कर्मचारियों के पास गए। उन्होंने कर्मचारियों से पूछा कि रिपोर्ट कम्प्यूटर पर दिखती है या नहीं। इस पर कर्मचारियों ने कहा कि कम्प्यूटर पर पता चल रहा है। इसके बाद उपमुख्यमंत्री कर्मचारियों पर बरस पड़े। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट कम्प्यूटर पर पता चल रही है तो जानकारी देने में देरी क्यों हो रही है। उन्होंने कहा कि जल्दी से विधायकों को रिपोर्ट बताइए। उन्होंने विधानमंडल के सचिव भागवत से कहा कि आप कुछ समय तक यहीं पर रुकर विधायकों का प्रवेश सुनिश्चित करें। इस दौरान विधानभवन के प्रवेशद्वार पर काफी भीड़ जुट गई थी। इस पर उपमुख्यमंत्री ने पुलिस अफसरों से कहा कि विधायकों को छोड़कर बाकी सभी को गेट के पास से दूर करिए।
विस अध्यक्ष सहित कई विधायक नहीं आ सके
दूसरी ओर विधानसभा में भाजपा सदस्य राहुल नार्वेकर, स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के सदस्य रवींद्र भुयार कोरोना संक्रमण के चलते सदन में नहीं आ पाए। विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले भी कोरोना पॉजिटिव होने के कारण सदन में नहीं आ पाए। इस कारण विधानसभा में कामकाज का संचालन सदन के उपाध्यक्ष नरहरि झिरवाल ने किया जबकि विधान परिषद में सभापति रामराजे नाईक-निंबालकर ने सदन का संचालन किया। मंगलवार को मानसून अधिवेशन का आखिरी दिन होगा। सत्र के आखिरी दिन विपक्ष कोरोना, नागपुर विभाग में बाढ़ की स्थिति समेत कई मुद्दों को उठाएगा।
विधान परिषद में कम नजर आए विदर्भ के विधायक
कोरोना संक्रमित और दूसरी बीमारियों के कारण विधान परिषद में विदर्भ के कई विधायक मानसून अधिवेशन में नहीं आ पाए। विधान परिषद में भाजपा सदस्य रामदास आंबटकर, भाजपा सदस्य गिरीश व्यास, भाजपा सदस्य गोपिचंद पडलकर, निर्दलीय सदस्य नागोराव गाणार समेत कई सदस्य सदन में नजर नहीं आए। जबकि कोरोना वायरस को मात देने वाले भाजपा समर्थित सदस्य सदाभाऊ खोत सदन में पहुंचे थे। भाजपा सदस्य नीलय नाईक ने "दैनिक भास्कर’ से बातचीत में कहा कि मैं स्वास्थ्य कारणों के कारण मानसून सत्र में नहीं पहुंच सका हूं। मैंने अपनी अनुपस्थिति को लेकर विधानभवन को अवगत कराया है।
मुंह से मास्क हटाकर बोलने वाले सदस्य को टोका
विधान परिषद में सभापति रामराजे नाईक-निंबालकर ने सदन में बोलते समय मुंह पर से मास्क हटाने वाले कांग्रेस सदस्य शरद रणपीसे को टोक दिया। सभापति ने उन्हें मास्क लगाकर ही बोलने के लिए कहा। हलांकि रणपीसे बोलते समय बीच-बीच में मास्क हटाकर बोल रहे थे। वहीं भाजपा सदस्य सुरेश धस बिना मास्क के ही नजर आए। धस अपने कंधे पर गमछा लिए हुए थे लेकिन उन्होंने बोलते समय मास्क नहीं लगाया था। इसी तरह विधानसभा में विस उपाध्यक्ष ने सदस्यों से कहा कि बोलते समय मास्क न हटाए। इस पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह कहते हुए कुछ समय के लिए मास्क हटाया कि बोलने में परेशानी हो रही है। विपक्ष के नेता देवेद्र फडणवीस भी मास्क लगा कर हाथ में लिए कागज को पढ़ने में दिक्कत का हवाला देते मास्क निकाल कर बोले। कदम उठाए गए हैं।
Created On :   7 Sept 2020 7:00 PM IST