पानी बिल से मनपा की तिजोरी में पहुंची 2 अरब 50 करोड़ से ज्यादा राशि

MNCs treasury increased to 2 billion 50 crore after water bill
पानी बिल से मनपा की तिजोरी में पहुंची 2 अरब 50 करोड़ से ज्यादा राशि
पानी बिल से मनपा की तिजोरी में पहुंची 2 अरब 50 करोड़ से ज्यादा राशि

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पानी बिल से  मनपा की तिजोरी में पिछले 23 माह में 2 अरब 50 करोड़ से अधिक की राशि आई है। यह राशि शहर में मनपा के पास 3 लाख 46 हजार 751 नल  कनेक्शन से प्राप्त हुई है। पिछले 23 महीने में मनपा ने पानी के बिल के रूप में 2 अरब 50 करोड़ 7 लाख 15 हजार 913 रुपए वसूले हैं। मनपा के जलापूर्ति विभाग को पानी के बिल के रूप में 1 अरब से ज्यादा की वसूली करना बकाया होने की जानकारी आरटीआई में सामने आई है। आरटीआई एक्टिविस्ट अभय कोलाकर को आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार मनपा के जलापूर्ति विभाग के पास 3 लाख 46 हजार 751 नल  के कनेक्शन (उपभोक्ता) है और इसमें से 2 लाख 65 हजार 945 उपभोक्ताओं ने पानी के बिल का भुगतान किया है।

1 जनवरी 2017 से 30 नवंबर 2018 (23 महीने) तक इन उपभोक्ताओं से 2 अरब 50 करोड़ 7 लाख 15 हजार 913 रुपए बिल के रूप में वसूले गए है। वहीं 1 लाख 90 हजार 583 बिल लंबित हैं और इससे 1 अरब 38 करोड़ 80 लाख 4 हजार 435 रुपए का पानी बिल वसूलना बाकी है। मनपा के जलापूर्ति विभाग ने इन 23 महीनों में 661.40 एमएलडी की जलापूर्ति की। मनपा ने दावा किया कि किसी भी झोपड़पट्टी या अविकसित ले-आउट में मुफ्त में नल से जलापूर्ति नहीं की जाती। लगातार बिल नहीं भरने व अन्य कारणों से डिफाल्टर हुए 8,378 उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटे गए हैं। इस दौरान 35710 नए पानी के कनेक्शन दिए गए। फॉल्ट मीटर संबंधी अब तक 188 शिकायतें प्राप्त होने की जानकारी दी गई है।  इस दौरान विभाग की तरफ से 26 लाख 44 हजार 101 पानी के बिल भेजे गए हैं।

इधर 6 साल बाद भी 5 करोड़ का लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रहा बाजार विभाग
मनपा की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए बड़ी-बड़ी बातें की जा रही हैं, लेकिन इसके बाद भी मनपा की आय बढ़ाने की दिशा में ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शहर में अवैध होर्डिंग और होर्डिंगों का साईज बढ़ाकर लगाने की ढेरों शिकायत हैं। दुकानदारों से भी टैक्स वसूली नहीं हो पा रही है। यही वजह है कि, मनपा के बाजार विभाग को जो टारगेट 6 साल पहले दिया गया था, वह आज भी पूरा नहीं कर पाया है। परेशानी की बात यह है कि, जो विभाग आय का साधन बन सकता है, मनपा का उसकी ओर कोई ध्यान नहीं है।

यहां से हो सकती है बड़ी आय
शहर में निजी कंपनियों के बिल्डिंगों एवं अन्य जगहों पर होर्डिंग लगे हुए हैं। मनपा को इन से एक रुपए की वसूली नहीं होती है। यह मनपा के रिकार्ड में नहीं होने के कारण ऐसा हो रहा है। दूसरी ओर कई ऐसे होर्डिंग हैं, जिनका साइज पहले कम था, लेकिन बाद में धीरे-धीरे काफी बढ़ गया, लेकिन मनपा को मामले की जानकारी तक नहीं है। 

 

Created On :   9 Jan 2019 1:46 PM IST

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