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देखते ही देखते खाली हो गया पूरा मंत्रालय, आपात स्थिति से निपटने के लिए हुआ मॉक ड्रिल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बुधवार सुबह 11.30 बजे मंत्रालय में उस वक्त हड़कंप का माहौल दिखा, जब इमारत के नियंत्रण कक्ष से दुर्घटना की सूचना फायर ब्रिगेड, पुलिस और एंबुलेंस को फोन पर दी गई। जिसके अगले पांच मिनट में फायर ब्रिगेड की पांच गाड़ियां मौंके पर पहुंच गई। इस दौरान 14 मिनट के भीतर पूरा मंत्रालय खाली करा लिया गया। अपने कामकाज के लिए मंत्रालय आए लोग, मंत्री, कर्मचारी और सभी अधिकारी इमारत के बाहर निकल गए।
नियंत्रण कक्ष में अधिकारियों की सीसीटीवी पर थी नजर
आपातकालिन स्थिती के परीक्षण के लिए मंत्रालय में मॉक ड्रिल किया गया था। मंत्रालय में किसी तरह की दुर्घटना होने पर किस तरह सतर्क रहने की जरूरत है, इसके अभ्यास के लिए यह मॉक ड्रिल किया गया। मंत्रालय के कंट्रोल रुम से इमारत खाली करने की सूचना जारी करने के बाद हर मंजिल से निर्धारित मार्ग के इस्तेमाल से लोग बाहर निकले। हालांकि इसकी ट्रेनिंग पहले ही दे दी गई थी। मंत्रालय के नियंत्रण कक्ष में बैठे गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर श्रीवास्तव और मदद व पुनर्वसन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मेधा गाडगिल सीसीटीवी के माध्यम से मॉक ड्रिल पर नजर रखे हुए थी।
गृह राज्यमंत्री पाटील भी पांचवी मंजिल से नीचे उतरे
सायरन बजते ही फायर ब्रिगेड और 108 नंबर पर एंबुलेंस को फोन लगाया गया। 5 मिनट 40 सेकेंड के भीतर फायर ब्रिगेड की दो गाडियां पहुंच चुकी थीं। इसके बाद तीन और गाड़ियां पहुंची। जबकि 14 मिनट के भीतर मंत्रालय की दोनों इमारते पूरी तरह से खाली करा ली गई थीं। इस दौरान गृह राज्यमंत्री डॉ रणजीत पाटील भी पांचवी मंजिल से सीढ़ियों का इस्तेमाल कर नीचे उतरे। गौरतलब है कि 22 जून 2012 को मंत्रालय इमारत में लगी आग से तीन लोगों की मौत हो गई थी और विभिन्न विभागों के जरूरी कागजात जलकर राख हो गए थे।
Created On :   11 Oct 2017 6:39 PM IST