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नागपुर में होगी मोदी-शाह की प्रचार सभा, भाजपा शिवसेना का समन्वय सम्मेलन आज
डिजिटल डेस्क, नागपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपाध्यक्ष अमित शाह नागपुर में चुनाव सभा को संबोधित करेंगे। 2014 के चुनाव में दोनों की यहां सभा नहीं हो पायी थी। इस मामले पर भूतल परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने गुरुवार को कहा है कि मोदी-शाह ही नहीं भाजपा के स्टार प्रचारक भी यहां पहुंचेंगे। नागपुर के अलावा अमरावती में सभाएं होगी। प्रधानमंत्री को लेकर प्रचार सभाओं में बयानों के गिरते स्तर पर गडकरी ने कहा है कि प्रधानमंत्री के पद की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए। विचारों का मुकाबला िवचारों से ही होना चाहिए। कांग्रेस की ओर से जिन शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है वह ठीक नहीं है। मतभेद हो सकता है लेकिन मतभेद नहीं होना चाहिए। नागपुर लोकसभा के लिए गडकरी भाजपा के उम्मीदवार होंगे। 25 मार्च को वे नामांकन दर्ज कराएंगे। चुनाव तैयारी से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि विकास कार्य में अपने याेगदान पर पूरा भरोसा रखता हूं। विधानसभा क्षेत्र स्तर पर करीब 4 सभाएं लेंगे। प्रचार की पूरी जिम्मेदारी पार्टी कार्यकर्ता संभालेंगे। प्रचार के दौरान जनसंपर्क भी करेंगे। गौरतलब है कि 2014 के चुनाव में मोदी व शाह की सभा नागपुर में नहीं हो पाने को लेकर राजनीतिक तौर पर कई सवाल खड़े किए जा रहे थे। यहां तक कि उसी वर्ष विधानसभा के लिए हुए चुनाव में भी मोदी-शाह की नागपुर में सभा नहीं हो पायी थी। गडकरी ने नागपुर में किए गए विकास कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि वे किसी से दुश्मनी नहीं रखते हैं। चुनाव प्रचार के दौरान भी किसी पर व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप नहीं करेंगे।
भाजपा शिवसेना का समन्वय सम्मेलन, शिवसेना प्रमुख व मुख्यमंत्री रहेंगेे उपस्थित
भाजपा और शिवसेना पदाधिकारियों का समन्वय सम्मेलन शुक्रवार को होगा। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मार्गदर्शन करेंगे। भूतल परिवहन मंत्री नितीन गडकरी भी उपस्थित रहेंगे। देशपांडे सभागृह में दोपहर 2 बजे यह सम्मेलन होगा। सम्मेलन में पूर्व विदर्भ के 6 जिलों के पदाधिकारी शामिल होंगे। इससे पहले अमरावती में सम्मेलन होगा। लोकसभा चुनाव की तैयारी के तहत इस सम्मेलन में नागपुर व रामटेक क्षेत्र के लिए भी प्रमुखता से चर्चा होगी। 2014 में दोनों दल ने लोकसभा का चुनाव मिलकर लड़ा था लेकिन विधानसभा चुनाव में अलग अलग हो गए थे। उसके बाद से दोनों दल के पदाधिकारी किसी भी सम्मेलन में साथ नजर नहीं आए। ऐसे में चुनाव तैयारी को लेकर यह सम्मेलन काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भाजपा के शहर प्रमुख सुधाकर कोहले के अनुसार सम्मेलन में करीब 1200 पदाधिकारी शामिल रहेंगे।
शिकायतें होगी दूर
दावा किया जा रहा है कि भाजपा शिवसेना के इस संयुक्त सम्मेलन से दोनों दल के कार्यकर्ताओं की शिकायतें दूर होगी। पिछले कुछ वर्षाें से स्थिति ऐसी बनी है कि भाजपा के विरोध में सबसे अधिक शिवसेना के कार्यकर्ता बोलते रहे हैं। शिवसैनिकों की शिकायत है कि सत्ता में आने के बाद भाजपा ने केवल दबाव की राजनीति की है। लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन तय होने के बाद दोनों दल के प्रमुख प्रदेश स्तर पर कार्यकर्ताओं की शिकायत दूर करने का प्रयास कर रहे है। दो दिन पहले ही नागपुर व विदर्भ के कुछ शिवसैनिकों को राज्य महामंडलों में स्थान दिया गया है। शिवसेना की ओर से स्वास्थ्यमंत्री डॉ.दीपक सावंत व भाजपा की ओर से ऊर्जामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले को दोनों दल में समन्वय की जिम्मेदारी दी गई है।
काटोल विधानसभा उपचुनाव:भाजपा में 4 दावेदार आए सामने
काटोल विधानसभा के लिए उपचुनाव की हलचल बढ़ने लगी है। इस सीट के लिए भाजपा में 4 इच्छुक उम्मीदवारों के नाम सामने आए हैं। कहा जा रहा है कि रविवार तक भाजपा उम्मीदवार के नाम का चयन हो जाएगा। कांग्रेस राकांपा की ओर से राकांपा के अनिल देशमुख ही उम्मीदवार होंगे। इस बीच चुनाव को रद्द करने का निवेदन भी सामने आने लगा है। काटोल में भाजपा शिवसेना गठबंधन के तहत शिवसेना उम्मीदवार चुनाव लड़ता रहा है। लेकिन पिछले चुनाव में दोनों दल में गठबंधन नहीं हो पाया था। भाजपा उम्मीदवार ने चुनाव जीता था। इस बार कहा जा रहा था कि शिवसेना इस सीट पर दावा कर सकती है। लेकिन शिवसेना की ओर से ऐसा कोई दावा नहीं किया गया। लिहाजा भाजपा ने चुनाव तैयारी शुरु कर दी है। पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले व ग्रामीण भाजपा के अध्यक्ष डॉ.राजीव पोतदार ने इस क्षेत्र के पार्टी पदाधिकारियों के साथ उम्मीदवार के नाम पर चर्चा की है। इच्छुक उम्मीदवारों में जो 4 नाम सामने आए हैं उनमें चरणसिंह ठाकुर, नागपुर के नगरसेवक अविनाश ठाकरे, जिला परिषद में शिक्षा सभापति उकेश चव्हाण, पंचायत समिति सभापति संदीप सरोदे शामिल है। जिला अध्यक्ष डॉ.पोतदार के अनुसार इच्छुक उम्मीदवारों के नाम की सूची प्रदेश संगठक को भेज दी गई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देश पर सभी प्रमुख पदाधिकारियों से चर्चा की जा रही है। यह भी दावा किया जा रहा है कि उम्मीदवार चयन के लिए दो टीम सर्वे में लगी है। सर्वे रिपोर्ट भी आ गई है। राकांपा की ओर से अनिल देशमुख के पुत्र सलिल देशमुख का नाम भी सामने आ रहा था। लेकिन अनिल देशमुख ने ही साफ किया है कि पार्टी की ओर से वे ही चुनाव लड़ेंगे। उधर चुनाव रद्द करने की मांग भी की जा रही है। शेर शिवाजी संगठन के अध्यक्ष सागर राऊत के नेतृत्व में जिलाधिकारी अश्विन मुद्गल को निवेदन सौंपा गया है। कहा गया है कि 3 माह के लिए विधायक चुने जाने का कोई महत्व नहीं रह जाएगा। विधायक विकास काम नहीं कर पाएगा। संगठन की ओर से चुनाव आयोग के नियमों को जिक्र करते हुए कहा गया है कि चुनाव आयोग चाहे तो इस संबंध में निर्णय ले सकता है।
Created On :   14 March 2019 10:11 PM IST