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मोक्षधाम बनेगा अत्याधुनिक, लगेगा प्रदूषण नियंत्रण सिस्टम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर के घाट रोड स्थित मोक्षधाम को आधुनिक बनाया जाएगा। यहां जिला नियोजन समिति की मदद से शहर का पहला प्रदूषण नियंत्रण सिस्टम लगाया जाएगा, जो दहन के दौरान होने वाले प्रदूषण से छुटकारा दिलाएगा। इससे संतरानगरी को ग्रीन सिटी बनाने में मदद मिलेगी और लकड़ी की खपत कम होने से मनपा को आर्थिक लाभ भी होगा।
ये होंगे बदलाव
मोक्षधाम घाट पर सबसे पहले शवदाह संस्कार के प्लेटफार्म को बदला जाएगा। दोनों ओर दीवार बनाकर करीब डेढ़ से दो फीट की ऊंचाई पर सरिया लगाए जाएंगे। इससे शव को नीचे से ऑक्सीजन मिल सकेगी, जिससे दाह संस्कार में कम समय लेगा। प्लेटफार्म के ऊपर शेड में लगी मशीन में धुआं खींचने के िलए सिस्टम लगा होगा, जो धुएं को खींच कर ट्रीटमेंट करने के बाद आसमान में छोड़ देगा।
कैसे काम करेगा सिस्टम
नई पद्धति से प्लेटफार्म बनाने पर शव जलाने में 2-3 घंटे लगेंगे। दाह संस्कार के दौरान लोगों को धुआं से मुक्ति मिलेगी।यह धुआं घातक भी होता है, क्योंकि बीमारी आदि के कारण शव में मौजूद किटाणु धुएं के जरिए मानव को हानि पहुंचाते हैं। धुएं को प्लेटफार्म के शेड में लगा ब्लोअर खींच कर चिमनी में ले जाएगा। धुएं को स्क्रबर सिस्टम के माध्यम से पानी में छोड़ने पर उसमें शामिल आधे से अधिक हानिकारण गैस व भारी तत्व निष्क्रिय हो जाएंगे। इसके बाद उस धुएं को दो बार फिल्टर किया जाएगा, जिससे वह 90 फीसदी प्रदूषण से मुक्त हो जाएगा। अंत में 100 फीट ऊंची चिमनी से धुंए को आसमान में छोड़ दिया जाएगा, जिससे वह किसी व्यक्ति के संपर्क में नहीं आएगा।
क्या कहते हैं आंकड़े
घाट रोड मोक्षधाम पर प्रति वर्ष होने वाले दाह संस्कार (1800 से 2200 तक)
मनपा की ओर से दाह संस्कार के लिए गोबर के कंडे के अलावा दी जाने वाली लकड़ी- 280 किग्रा
नया सिस्टम लगाने से प्रदूषण खत्म होने के साथ ही लकड़ी की बचत होगी- 140 किग्रा
घाट रोड मोक्षधाम के 14 प्लेटफार्मों के लिए 4 यूनिटें लगाई जाएंगी।
शहर में करीब 12 मोक्षधाम हैं।
90 फीसदी कम होगा प्रदूषण
दाह संस्कार के दौरान स्क्रबर सिस्टम में स्क्रबर सिस्टम से
निकलने वाली गैस जाते समय बाहर निकलते समय
टेम्प्रेचर ऑफ फ्लू गैस 363 130
ऐवरेज वेलोसिटी ऑफ फ्लू गैस 15.3 6.4
एवरेज वोल्यूम आॅफ फ्लू गैस डिस्चार्जड 15577 14660
टोटल वोल्यूम ऑफ फ्लू गैस सैम्पल्ड 622 715
वैट ऑफ टोटल पर्टिकुलेट मैटर कलेक्टेड 315.7 34.2
टोटल पर्टिकुलेट मैटर इन द फ्लू गैस 507.6 47.8
प्रदूषण नियंत्रण सिस्टम से धुएं का ट्रीटमेंट कर उसमें से 90.58 फीसदी प्रदूषण को शुद्ध कर दिया जाता है।
प्रदूषण फैलाने वाले तत्व
शव जलाने के समय कुछ हानिकारक गैस निकलती हैं, जो स्वास्थ्य को नुकसान तो पहुंचाती ही हैं, साथ ही वायु प्रदूषण को भी बढ़ाती हैं। इसमें कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाईऑक्साइड, नाइड्रोजन ऑक्साइड, मरकरी के अलावा अन्य भारी तत्व शामिल हैं, जो प्रदूषण को बढ़ाते हैं।
खत्म होगा प्रदूषण
प्रदूषण नियंत्रण सिस्टम से 90 फीसदी प्रदूषण का ट्रीटमेंट कर उसे खत्म कर िदया जाता है। इसके अतिरिक्त मनपा द्वारा दाह संस्कार के लिए दी जाने वाली लकड़ी की बचत होगी, जिससे मनपा का पैसा बचेगा। प्लान को मनपा से तकनीकी अनुमति मिल गई है। जल्द ही जिला नियोजन समिति से निधि मंजूर हो जाएगी।
प्रमोद चिखले, नगरसेवक
@विजय ऋषि
Created On :   3 May 2018 12:02 PM IST