महीनों की खोज मेडिकल में हुई खत्म

Months of search ended in medical
महीनों की खोज मेडिकल में हुई खत्म
जानिए क्या है मामला महीनों की खोज मेडिकल में हुई खत्म

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) में कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं, जिनकी दखल तक नहीं ली जाती। कई बार पुलिस विभाग द्वारा घायलों को उपचारार्थ मेडिकल में लाया जाता है, लेकिन उनके परिवार के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है। ऐसे में जब यह मरीज उपचार के बाद ठीक होता है, तो उसे उसके परिजनाें से मिलाना बड़ा मुश्किल होता है। इसमें कुछ संस्थाएं मदद करती हैं। करीब एक महीना पहले पुलिस ने मेडिकल में एक घायल व्यक्ति को भर्ती किया था। चार दिन पहले यह व्यक्ति ठीक हुआ, लेकिन उसके परिजनों से कोई संपर्क नहीं था। तब एक संस्था ने इसकी जिम्मेदारी उठाई और मरीज को उसके परिजनों से मिलवाया। यह मरीज धुले जिले के साक्री तहसील का था। परिजन 3 महीने से उसकी खोजबीन कर रहे थे।

नाम याद था, पता भूल गया था फोटो वायरल की

12 दिसंबर 2021 को पुलिस ने 40 साल के एक घायल व्यक्ति को मेडिकल के वार्ड 28 में भर्ती किया। उसके सिर पर चोट लगी थी। जांच में पता चला कि वह कुछ फीसदी तक मानसिक रोगी है। डॉक्टरों ने उसका उपचार किया। 4 जनवरी को पूर्णत: स्वस्थ हो गया। उसने अपना नाम वकील जगन्नाथ बताया, लेकिन उसे घर का पता याद नहीं था। इस मरीज की निरंतर देखभाल डॉक्टरों और सेवा फाउंडेशन द्वारा की जा रही थी। काफी प्रयास के बाद जब पता की जानकारी नहीं मिली, तो फाउंडेशन ने उस व्यक्ति की फोटो सोशल मीडिया के विविध ग्रूप में शेयर की। 5 जनवरी को इस पोस्ट को धुले के विनय नामक व्यक्ति ने देखी। विनय इस व्यक्ति के परिवार को जानता था। उसने व्यक्ति के परिजन तक यह सूचना पहुंचाई। जानकारी मिलने पर वकील के बड़े भाई अमृत साबले ने फाउंडेशन के सदस्य पुरुषोत्तम भोसले से मोबाइल पर संपर्क कर 7 जनवरी को एक मित्र के साथ नागपुर पहुंचा और वकील को साथ लेकर साक्री लौट गया। 
 

गायब होने से चिंतित थे परिजन

बताया गया कि यह व्यक्ति दो महीने पहले अचानक खेत में काम करते-करते कहीं चला गया था। बाद में वह लौटा ही नहीं। इसकी शिकायत पुलिस थाने में भी दर्ज की गई। किसी अनहोनी की आशंका से परिजन डरे हुए थे। जब उन्हें वकील सही सलामत होने की जानकारी मिली तो उन्होंने राहत की सांस ली। अमृत ने बताया कि कुछ महीने से वकील असामान्य व्यवहार करने लगा था। वह किसी ट्रेन में बैठकर नागपुर तक पहुंचा था।

Created On :   9 Jan 2022 5:12 PM IST

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