महाराष्ट्र और कोकण में हुई अधिक बारिश, विदर्भ पिछड़ा - पिछले साल के मुकाबले जलाशयों में पानी कम

More rain in Maharashtra and Konkan, less water in reservoirs than last year
महाराष्ट्र और कोकण में हुई अधिक बारिश, विदर्भ पिछड़ा - पिछले साल के मुकाबले जलाशयों में पानी कम
महाराष्ट्र और कोकण में हुई अधिक बारिश, विदर्भ पिछड़ा - पिछले साल के मुकाबले जलाशयों में पानी कम

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पिछले मानसून के मुकाबले इस बार महाराष्ट्र में अधिक बारिश हुई है, लेकिन राज्य के विदर्भ विभाग में अब भी मौसम की 3 फीसदी कम बारिश हुई है। पिछले साल एक जून से 19 जुलाई के दौरान विदर्भ में कुल 353.4 मिमी बारिश हुई थी। परंतु इस साल इस अवधि के दौरान कुल 342.6 मिमी ही बारिश हुई है। इसी प्रकार कोंकण एवं गोवा में 1,343.4 मिमी बारिश हुई थी पर इस बार अभी तक 38 फीसदी अधिक यानी 1859.9 मिमी बारिश हुई है। मध्य महाराष्ट्र में 4 फीसदी अधिक बारिश हुई है। पिछले साल 19 जुलाई तक कुल 300.6 मिमी बारिश रिकार्ड हुई थी जबकि इस वर्ष 313.9 मिमी बारिश हुई है। मराठवाडा में 48 फीसदी अधिक बारिश रिकार्ड हुई है। पिछले साल अब तक 236.2 मिमी बारिश हुई थी किंतु इस वर्ष 349.6 मिमी बारिश हुई है। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार इस तरह पूरे महाराष्ट्र में पिछले साल 19 जुलाई तक 404.7 मिमी बारिश हुई थी, जबकि इस वर्ष 19 फीसदी अधिक यानी 479.7 मिमी बारिश हुई है। 


विदर्भ में जून से 19 जुलाई तक हुई बारिश की जिलेवार स्थित

1) नागपुर में 355 मिमी
2) अकोला में 178.2 मिमी
3) अमरावती में 278.7 मिमी
4) भंडारा में 453.4 मिमी 
5) बुलढाणा में 212.8 मिमी 
6) चंद्रपुर में 446.6 मिमी 
7) गढ़चिरौली में 405.5 मिमी 
8) गोंदिया में 324.8 मिमी 
9) वर्धा में 351.6 मिमी 
10) वाशिम में 351.0 मिमी 
11) यवतमाल में 361.2 मिमी

कोंकण पानी-पानी पर शेष महाराष्ट्र में पानी का टोटा

मुंबई और उसके समीप के शहरों में मूसलाधार बरसात से कोंकण अंचल के जलाशयों में पानी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। जबकि शेष महाराष्ट्र के हिस्सों में बारिश न होने के कारण बांधों में जल भंडारण पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है। इस कारण मानसून आगमन के लगभग 40 दिन बाद भी जलाशयों में पिछले साल के मुकाबले कम जलसंचय है। राज्य भर के जलाशयों में फिलहाल 31.34 प्रतिशत पानी उपलब्ध है। जबकि पिछले साल इस दिन 35.5 प्रतिशत जलभंडारण था। यानी पिछले साल के मुकाबले जलाशयों में 4.16 प्रतिशत पानी है। सोमवार को जलसंसाधन विभाग से यह मिली जानकारी के अनुसार राज्य के मध्यम, लघु और बड़े बांधों को मिलाकर कुल 3267 जलाशय हैं। इन सभी जलाशयोंमें जलभंडारण की क्षमता 48586.68 मिलियन क्यूबिक मीटर है। पर जलाशयों में फिलहाल 19578.75मिलियन क्यूबिक मीटर भंडारण हुआ है। जिसमें से उपयोग करने योग्य पानी केवल 12780.83 मिलियन क्यूबिक मीटर है।कोंकण विभाग के 176 जलाशयों में 17 जुलाई को 40.55 प्रतिशत जलभंडारण था जबकि 19 जुलाई को यहां के जलाशयों में जलस्तर बढ़कर 43.06 प्रतिशत हो गया। हालांकि पिछले साल इसी दिन कोंकण विभाग के जलाशयों में 55.47 प्रतिशत पानी था। राज्य के दूसरे विभागों के जलाशयों में बारिश न होने के कारण तेजी से जलस्तर नहीं बढ़ पा रहा है। नागपुर विभाग के 384 जलाशयों में पिछले साल के 48.04 प्रतिशत पानी के मुकाबले अभी 32.15 प्रतिशत पानी है। अमरावती विभाग के 446 जलाशयों में 35.57 प्रतिशत पानी है। जबकि पिछले साल इसी दिन 36.34 प्रतिशत जल भंडारण था। औरंगाबाद विभाग के 964 जलाशयों में पिछले साल 29.87 प्रतिशत पानी था। जबकि औरंगाबाद विभाग के जलाशयों में अभी 29.41 प्रतिशत जलसंचय हुआ है। पुणे विभाग के 726 जलाशयों में बीते साल 31.11 प्रतिशत पानी था। जबकि पुणे विभाग के जलाशयों में अब 31.71 प्रतिशत पानी है। राज्य भर में सबसे अधिक नाशिक विभाग के जलाशयों में जलस्तर में कमी देखी जा रही है। 

नाशिक विभाग में 9.25 प्रतिशत कम पानी

नाशिक विभाग के 571 जलाशयों में 22.43 प्रतिशत पानी बचा है। जबकि पिछले साल 31.68 प्रतिशत पानी था। नाशिक विभाग में गत वर्ष की तुलना में 9.25 प्रतिशत कम पानी उपलब्ध है। 

जलाशयों की स्थिति 

जलाशय            जलस्तर              पिछले साल   

गोसीखुर्द           29.48 प्रतिशत    42.41 प्रतिशत 

जायकवाडी        35.4 प्रतिशत      41.42 प्रतिशत  
बावनथडी         32.76 प्रतिशत     30.69 प्रतिशत 
खिडसी            30.04 प्रतिशत     18.83 प्रतिशत 
वडगाव            47.66 प्रतिशत     68.2 प्रतिशत 
तोतलाडोह        59.17 प्रतिशत     81.46 प्रतिशत 
मांजरा             17.71 प्रतिशत     0.0 प्रतिशत 
माजलगाव       25.86 प्रतिशत     29.45 प्रतिशत   
 

Created On :   19 July 2021 1:49 PM GMT

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