54 करोड़ की 6 एकड़ से अधिक भूमि कराई कब्जा मुक्त

परिवारों को विस्थापित करने की कार्रवाई की 54 करोड़ की 6 एकड़ से अधिक भूमि कराई कब्जा मुक्त

डिजिटल डेस्क जबलपुर। जिला प्रशासन ने शनिवार को माढ़ोताल क्षेत्र में अतिक्रमण विरोधी बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। प्रशासन ने 6 एकड़ से ज्यादा भूमि को मुक्त कराया। इसका मूल्य 54 करोड़ रुपयों से अधिक बताया जा रहा है। इस भूमि पर कब्जा करके वर्षों से लोग झुग्गी बनाकर रह रहे थे। इससे पहले भी दो बार इन्हें हटाने का प्रयास िकया गया लेकिन सफलता नहीं िमल पाई। इस बार प्रशासन ने कोई मौका नहीं िदया और अपने वाहन लगाकर सभी कब्जेधारियों को महाराजपुर के चांटी तक छोड़ा गया, जहाँ उन्हें सरकारी भूमि प्रदान की गई है।
अनुविभागीय अधिकारी अनुराग सिंह ने बताया िक कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन के आदेश के परिपालन में मौजा माढ़ोताल तहसील अधारताल स्थित भूमि खसरा नंबर 152-2-3 रकबा 2 लाख 73 हजार वर्गफीट शासकीय भूमि को महिला एवं बाल विकास विभाग के कम्पोजिट भवन निर्माण के लिए अतिक्रमण मुक्त कराया। इसके लिए सुबह से ही प्रशासनिक और पुलिस का अमला सक्रिय रहा। अतिक्रमण क्षेत्र में झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रह रहे परिवारों को अपर कलेक्टर मिशा सिंह और एसडीएम अधारताल के मार्गदर्शन में तहसीलदार अधारताल हरि सिंह धुर्वे सहित राजस्व अमला, नगर निगम एवं पुलिस विभाग के सहयोग से शिफ्ट कराया गया। महाराजपुर चांटी स्थित भूमि खसरा नंबर-52 रकबा 0.52 हेक्टेयर पर भूखंडवार लेआउट तैयार कर विस्थापन कार्य किया गया।
लोगों ने ली राहत की साँस
बताया जाता है िक उद्योग भवन के एग्जीबिशन सेंटर के समीप इस अवैध बसाहट के कारण त्रिमूर्ति नगर, कृष्णा नगर, मनमोहन नगर, संचार नगर व आसपास की अन्य कॉलोनियों के लोग परेशान थे। यहाँ कई तरह की अनैतिक गतिविधियाँ संचालित होने लगी थीं। हालाँकि सभी परिवार ऐसे नहीं थे लेकिन कुछ लोगों के कारण पूरा क्षेत्र बदनाम हो चुका था। प्रशासनिक कार्रवाई के बाद हजारों लोगों ने राहत की साँस ली।
300 वर्गफीट का दिया प्लॉट
बताया जाता है िक प्रशासन ने महाराजपुर चांटी में लगभग 109 परिवारों को 250 से लेकर 300 वर्गफीट का प्लॉट दिया है। यहाँ लोग अपनी राशि से या सरकारी मदद से अपना खुद का पक्का मकान बना लेंगे। सभी परिवारों को एसडीएम श्री िसंह की ओर से भोजन कराया गया।
रात में बेहाल हो गए लोग
दोपहर में वाहनों के द्वारा लगभग 400 लोगों को चांटी तो पहँुचा दिया गया। उनके पास खाली प्लॉट और खुला आसमान था। रात में जब बारिश शुरू हुई तो अधिकांश परिवारों के सामने भीगने के अलावा कोई चारा नहीं था। वे अपनी गृहस्थी को खुले में छोड़कर कहीं जा भी नहीं सकते थे। एसडीएम ने बताया कि विस्थापित परिवारों के लिए भोजन, पानी इत्यादि आवश्यकताओं की व्यवस्था कराई गई। 

Created On :   29 April 2023 5:00 PM GMT

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