16 देवियों और 16 कलाओं की प्रतिमूर्ति माँ त्रिपुर सुंदरी

Mother Tripura Sundari Idol of 16 Goddesses and 16 Arts
16 देवियों और 16 कलाओं की प्रतिमूर्ति माँ त्रिपुर सुंदरी
तेवर - धार्मिक के साथ ऐतिहासिक महत्व भी है  16 देवियों और 16 कलाओं की प्रतिमूर्ति माँ त्रिपुर सुंदरी

डिजिटल डेस्क जबलपुर।  भेड़ाघाट रोड पर तेवर (त्रिपुरी) प्राचीन हथियागढ़ में विराजमान है त्रिपुर सुंदरी मंदिर। तेवर  पौराणिक महत्व का स्थान है। यहाँ पंचवक्त्र के रूप में माँ त्रिपुर सुंदरी शिव के पाँच स्वरूप क्रमश: ईशान, वामदेव, अघोर, सद्दोजात और तत्पुरुष की मुखाकृति को समेटे हुए हैं। जो 16 देवियों और 16 कलाओं की प्रतिमूर्ति हैं। त्रिपुर सुंदरी मंदिर में माता महाकाली, माता महालक्ष्मी, माता सरस्वती की मुखाकृति के दर्शन होते है। त्रिपुर सुंदरी माता के मंदिर का पूर्ण व्यवस्थापन प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ में है।
हर मनोकामना होती है पूरी
कहा जाता है कि यहाँ माँगी गई हर मनोकामना पूर्ण होती है। यहाँ मनौती का नारियल बाँधा जाता है और  मनौती पूर्ण होने पर चुनरी चढ़ाकर भंडारा  प्रसाद अर्पण किया जाता है। 
सदैव अध्ययन का विषय रहा पौराणिक महत्व 
पौराणिक महत्व होने के कारण पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग निरंतर अध्ययन कर रहा है। विगत वर्ष नये प्रोजेक्ट के तहत खुदाई और रिसर्च प्रारंभ की जिसमें अति प्राचीन काल के पूरे एक नगर का विन्यास मिला है, साथ ही देवी-देवताओं की प्राचीन मूर्तियाँ मिल रही हैं।

Created On :   13 Oct 2021 1:42 PM IST

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