सांसद कृपाल तुमाने ने कहा- कांग्रेस-राकांपा के साथ घुटन होती थी

डिजिटल डेस्क, नागपुर. शिवसेना में संकट के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समर्थन में 12 सांसदों के साथ शामिल हुए सांसद कृपाल तुमाने ने कहा है कि वे अब भी शिवसेना में ही हैं। बकौल तुमाने-हम शिवसेना में ही हैं, केवल गटनेता बदला है। पहले गटनेता का समुचित सहयोग नहीं मिल पाता था। संसद में बोलने का मौका नहीं मिल पाता था। राज्य में कांग्रेस-राकांपा के साथ रहकर कई शिवसेना कार्यकर्ताओं को घुटन होने लगी थी। संगठन स्तर पर इन बातों से अवगत कराया गया, लेकिन उन बातों को गंभीरता से नहीं लिया गया। अब सब मिलकर शिवसेना को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे। शिंदे गुट में शामिल होने के बाद शुक्रवार को तुमाने शहर में लौटे। विमानतल पर समर्थकों ने उनका स्वागत किया। बाद में उन्होंने कार्यकर्ताआें के साथ बैठक भी की। दैनिक भास्कर से चर्चा में उन्होंने कहा कि वे बाल ठाकरे के िवचारों के अनुरूप शिवसेना कार्यकर्ता बने रहेंगे। हिंदुत्व के मुद्दे पर शिवसेना, भाजपा गठबंधन ने चुनाव लड़ा था। अब शिवसेना, भाजपा गठबंधन की ही सरकार बनी है।
सांसद त्रस्त थे : तुमाने ने कहा कि शिवसेना में कुछ ऐसी बातें होने लगीं, जिससे शिवसेना कार्यकर्ता असहज महसूस करने लगे। सांसदों को भी सदैव न्याय की दरकार रहती थी। गटनेता विनायक राऊत से सांसद त्रस्त थे। लोकसभा में किसी विधेयक पर बोलने के लिए विनायक राऊत अन्य सांसदों के नाम भी भेजते थे, लेकिन बोलने का मौका नहीं मिल पाता था। लोकसभा अध्यक्ष दूसरे का नाम लेते थे। लोकसभा में बोलने का अवसर नहीं मिल पाने का कारण समझ नहीं आता था। विनायक राऊत या अरविंद सावंत ही शिवसेना की ओर से अधिक बोलते थे। संसद का रिकॉर्ड देखें तो यह बात साफ पता चलेगी।
िवचारों का विरोध : तुमाने ने कहा कि शिवसेना के विचारों का विरोध महाविकास आघाड़ी सरकार के लोग करने लगे थे। शिवसेना कार्यकर्ता, विनायक सावरकर के विचारों को मानते हैं। आघाड़ी के नेता, सावरकर व उनके विचारों का खुलकर विरोध कर रहे थे। आतंकवाद से संबंध रखने वाले नवाब मलिक जैसे लोग मंत्रिमंडल में थे।
ठाकरे से 5 बार मिले
तुमाने ने कहा-20 जून को राज्य की राजनीति में जो स्थिति बनी, उस समय शिवसेना सांसदों ने उद्धव ठाकरे से भेंट की। एकनाथ शिंदे से भी संपर्क में थे। स्थिति के निवारण के लिए निवेदन किया गया। सुझाव दिए गए। 5 बार उद्धव ठाकरे से भेंट की। अब भी वही प्रयास चल रहा है। तुमाने ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सुरक्षा बढ़ानी चाहिए। वे गड़चिरोली के पालकमंत्री थे, तब नक्सलवादियों से उन्हें मारने की धमकी मिली थी। उसी समय उन्हें सरकार द्वारा जेड प्लस सुरक्षा दी जानी चाहिए थी। उनकी सुरक्षा नहीं बढ़ाना चूक थी। फिलहाल शिंदे के समर्थन में 12 सांसद हैं। जल्द ही 15 हो जाएंगे।
Created On :   23 July 2022 6:19 PM IST