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एमयू घोटाला - टीम ने शुरू की जाँच, माँगे गोपनीय दस्तावेज
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र मेडिकल यूनिवर्सिटी में हुए घोटाले की जाँच के लिए बनाई गई कमेटी ने जाँच शुरू कर दी है। शुक्रवार को कमेटी के सभी पाँच सदस्य यूनिवर्सिटी पहुँचे और अधिकारियों से चर्चा की। कमेटी ने अधिकारियों से जाँच में जरूरी गोपनीय दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
कमेटी के सदस्य करीब 3 घंटे तक एमयू में रहे, इस दौरान पुलिस का कड़ा पहरा भी दिखाई दिया। दस्तावेज उपलब्ध हो जाने के बाद कमेटी आज जाँच को आगे बढ़ाएगी। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद घोटाले की जाँच हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस केके त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली पाँच सदस्यीय कमेटी कर रही है। जाँच कमेटी में साइबर क्राइम के एडीजी योगेश देशमुख, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विवि के कुलपति डॉ. सुनील कुमार गुप्ता, सीनियर कंसल्टेंट एमपीएसईडीसी विरल त्रिपाठी और इंजीनियर टेस्टिंग एमपीएसईडीसी प्रियंक सोनी सदस्य हैं। जाँच कमेटी एक माह में रिपोर्ट पेश करेगी।
कॉन्फ्रेंस रूम में हुई बैठक7 सूत्रों के अनुसार पुलिस की मौजूदगी में समिति के सदस्य करीब 3 बजे विवि पहुँचे और कुलपति के कॉन्फ्रेंस कक्ष में विवि के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान विवि में होने वाले कामकाज, ठेका कंपनी के आनलॉइन कार्य के बारे में जानकारी माँगी। बता दें कि कुछ माह पूर्व मेडिकल यूनिवर्सिटी में परीक्षा परिणामों में अनियमिता से जुड़े खुलासे होने के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जाँच कराई थी। जाँच के बाद कई अधिकारियों पर गाज गिरी थी। इसके अलावा उन अधिकारियों को हटा दिया गया, जो जाँच समिति का हिस्सा थे। इसके बाद मामला न्यायालय तक पहुँचा, जहाँ से जाँच कमेटी गठित की गई।
Created On :   30 Oct 2021 2:20 PM IST