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अधिकारियों के अधिकारों पर कैंची, अब सहायक आयुक्त को 20 लाख ही मिलेगी निधि

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मनपा आयुक्त वीरेंद्र सिंह ने अपने अधिकारियों के अधिकारों पर कैंची चला दी है, जिससे अधिकारियों में खलबली मची हुई है। सभी सवाल कर रहे हैं कि यदि ऐसी हालत रही, तो कैसे विकास होगा। प्रत्येक जोन में नगरसेवकों की संख्या करीब 16 हैं, जबकि मनपा आयुक्त ने सहायक आयुक्त को एक माह में 20 लाख रुपए की विकास निधि से बांध दिया है। इससे एक नगरसेवक को सिर्फ सवा लाख रुपए मिल सकेंगे। इतनी कम निधि से ढेर सारे विकास कार्य कैसे होंगे ऐसा सवाल अब इन नगरसेवकों द्वारा किया जा रहा है।
वही आर्थिक स्थिति बिगड़ने का रोना
आयुक्त द्वारा परिपत्रक जारी करने के बाद से यह चर्चा का विषय बना हुआ है। नगरसेवक सवाल पूछ रहे हैं कि एक ओर आयुक्त के बजट को बढ़ाकर 2965 करोड़ रुपए किया गया है, वहीं दूसरी ओर आयुक्त खर्च पर पाबंदी लगा रहे हैं। यदि मनपा की आर्थिक स्थिति सही नहीं है, तो फिर इतना बड़ा बजट प्रस्तुत करने की आवश्यकता क्या थी। नगरसेवकों का कहना है कि यदि सहायक आयुक्त के अधिकार प्रति माह 20 लाख रुपए कर दिए जाएंगे, तो एक नगरसेवक को भी निधि पूरी नहीं हो पाएगी। जबकि जोन में 16-16 नगरसेवक हैं।
परिपत्रक के जोन कार्यालय को उत्पन्न के हिसाब से 6 करोड़ रुपए खर्च करने के अधिकार दिए गए हैं। इसमें सहायक आयुक्त को एक फाइल मंजूर करने के लिए 3 लाख रुपए की सीमा, उपायुक्त को 4 लाख रुपए, अपर आयुक्त को 10 लाख रुपए और अतिरिक्त आयुक्त को 25 लाख रुपए तक की मंजूरी की सीमा तय की है। मनपा में इन दिनों वैसे भी विकास निधि को लेकर हंगामा मचा हुआ है उस पर आयुक्त द्वारा विकास निधि पर कैंची चला दिए जाने से नाराजगी देखी जा रही है।
ऐसे बांटे अधिकार
अधिकारी का पद - प्रति माह
सहायक आयुक्त या विभाग प्रमुख - 20 लाख रुपए
उपायुक्त - 40 लाख रुपए
अतिरिक्त आयुक्त - 50 लाख रुपए
Created On :   3 Aug 2018 12:58 PM IST