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कर्मचारी बैंक घोटाला, बंद जीएसटी नंबर पर वसूली
डिजिटल डेस्क, नागपुर। महानगरपालिका कर्मचारी सहकारी बैंक एक बार फिर विवादों में है। बैंक के संचालक मंडल पर कम्प्यूटर कर्ज बांटने और बंद जीएसटी नंबर पर पैसा भुगतान कर लाखों रुपए की हेराफेरी करने का आरोप है। इसे लेकर बैंक के संचालक राजेश गवरे ने कंपनियों के फर्जी बिल और बंद जीएसटी नंबर का कागजातों के साथ खुलासा कर इसकी शिकायत सहकार आयुक्त पुणे, जिला उपनिंबधक अमरावती रोड, गुड्स एंड सेल टैक्स (जीएसटी), नागपुर से की है। जिसमें कई आरोप लगाए गए हैं। शिकायत अनुसार, पिछले अनेक वर्ष से मनपा कर्मचारी सहकारी बैंक एक-एक सदस्य को कम्प्यूटर कर्ज के नाम पर पांच-पांच बार कर्ज आवंटित कर रही है। विशेष यह कि, कम्प्यूटर उपलब्ध कराने शहर की 3-4 कंपनियां ही सामने आती हैं। उनके कोटेशन ही बैंक को मिलते हैं। शहर की अन्य कंपनियांे का कोई उल्लेख नहीं है। जो कंपनियां कम्प्यूटर उपलब्ध करा रही हैं, वह बिल के साथ जीएसटी भी वसूल कर रही है, लेकिन बिल में जिस जीएसटी बिल नंबर का उल्लेख है, वह नंबर दो साल से बंद है। बंद जीएसटी नंबर के नाम पर बैंक रकम भुगतान कर रहा है।
बैंक संचालक राजेश गवरे का आरोप है कि, कुछ संचालक और कर्मचारियों की मिलीभगत में यह सारा खेल हो रहा है। बैंक से जीएसटी भुगतान के नाम पर जो पैसा उठाया जा रहा है, वह इनकी जेबों में जा रहा है। गवरे ने बताया कि, उन्होंने इसकी शिकायत संचालक मंडल की बैठकों में भी की, लेकिन किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। बैंक को महाराष्ट्र सरकार की ओर से 21 सितंबर 2021 को कम्प्यूटर कर्ज में होने वाली अनियमितता, जीएसटी और बंद फर्म के माध्यम से बांटे गए कर्ज के बारे में गोपनीय पत्र भी मिलने की जानकारी है। गवरे का आरोप है कि, बैंक में लगातार फर्जीवाड़ा शुरू है। उन्होंने इसे लेकर संबंधित जांच एजेंसियों को पत्र लिखकर इसकी सत्यता बाहर लाने की मांग की है।
Created On :   26 Sept 2021 5:26 PM IST