अब अवैध निर्माण रोकने के लिए GIS मैपिंग कर रही महानगरपालिकाएं

Municipal corporations doing GIS mapping to prevent illegal construction
अब अवैध निर्माण रोकने के लिए GIS मैपिंग कर रही महानगरपालिकाएं
अब अवैध निर्माण रोकने के लिए GIS मैपिंग कर रही महानगरपालिकाएं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बांबे हाईकोर्ट की सूचित किया है कि उसने अवैध निर्माण व अतिक्रमण पर लगाम लगाने के लिए सभी महानगरपालिकाओं को जीआईएस मैपिंग व सेटेलाइट इमेजिंग का सहारा लेने का निर्देश दिया गया है। राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने कहा कि राज्य के 370 शहरों में महानगरपालिकाओं के क्षेत्र में होने वाले निर्माण कार्य स्थलों की जीआईएस मैपिंग के जरिए सर्वेक्षण करने को कहा है। 170 शहरों में सर्वेक्षण का काम भी शुरु हो गया है। भविष्य में रियल इस्टेट रेग्युलेटरी अथारिटी(रेरा) भी इस तकनीक का इस्तेमाल करेगी। 

हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान  सुझाव स्वरुप सरकार को अतिक्रमण व अवैध निर्माण की समस्या का स्थायी समाधान निकालने को कहा था। कोर्ट ने सरकार को हैदराबाद में अवैध निर्माण व अतिक्रमण की रोकथाम के लिए अपनाई जा रही तकनीक पर भी विचार करने को कहा था। 

कोर्ट के इस सुझाव के तहत राज्य के महाधिवक्ता ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटील व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ के सामने कहा कि सरकार ने सभी महानगरपालिकाओं को निर्देश दिया है कि वे अपने यहां की संपत्तियों की जीआईएस के जरिए हर 6 महीने के अंतराल में सर्वेक्षण करे। इसके लिए वे एक अलग अधिकारी की नियुक्ति करे, जो सर्वेक्षण के दौरान मिलनेवाली तस्वीरों का मूल्यांकन करे यदि तस्वीरे में मनपा द्वारा निर्माण कार्य के मंजूर प्लान से नहीं मिलती है तो वह उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई करे।

खंडपीठ ने इस विषय पर नगर विकास के प्रधान सचिव को मनपा आयुक्तों को बैठक करने का भी सुझाव दिया है और एक कमेटी बनाने को भी कहा है। ताकि इसे प्रभावी तरीके से लागू किया जा सके। क्योंकि किसी भी व्यवस्था को लागू करना ही महत्वपूर्ण होता है। फिलहाल खंडपीठ ने मामले की सुनवाई दो सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी है और अगली सुनवाई के दौरान सरकार को मामले को लेकर उठाए गए कदमों की जानकारी देने को कहा है। 

 

Created On :   4 Oct 2018 3:34 PM GMT

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