नहीं सुधरी मनपा, एक बार फिर पिछड़ा नागपुर, 23वें से 27वें पायदान पर खिसका

Municipality did not improve, once again Nagpur backward, slipped from 23rd to 27th position
नहीं सुधरी मनपा, एक बार फिर पिछड़ा नागपुर, 23वें से 27वें पायदान पर खिसका
स्वच्छता रैंकिंग नहीं सुधरी मनपा, एक बार फिर पिछड़ा नागपुर, 23वें से 27वें पायदान पर खिसका

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्रीय गृह व शहरी विकास मंत्रालय द्वारा शनिवार को स्वच्छता सर्वेक्षण-2022 की रैंकिंग  घोषित की गई, जिसमें नागपुर एक बार फिर पिछड़ गया। 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में नागपुर शहर 27वें नंबर पर रहा। पिछली रैंकिंग की तुलना में 4 पायदान नीचे खिसक गया। गत वर्ष नागपुर की रैंकिंग 23वीं थी। इंदौर पहले, सूरत दूसरे और नई मुंबई तीसरे क्रमांक पर रही। महाराष्ट्र के 10 बड़े शहरों में भी नागपुर 8वें क्रमांक पर रहा। रैंकिंग में नीचे खिसकना व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर रहा है। हालांकि जिस तरह की रैंकिंग की मार्किंग की गई है, उसे लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। 

इस तरह मिले अंक

स्वच्छता रैंकिंग में 7500 में से 4171.92 अंक मिले। सर्विस लेवल प्रोग्रेस में 3000 में से 1826.76 अंक। सर्टिफिकेशन में 2250 में से 600 अंक। सिटीजन वॉइस में 2250 में से 1745.16 अंक दिए गए। सर्टिफिकेशन में भी 3 कैटेगरी रखी गई। इसमें ओडीएफ प्लस में 700 में से 600 अंक मिले। गारबेज फ्री सिटी स्टार रैंकिंग में 1250 में से शून्य और वॉटर प्लस में भी 300 में से शून्य अंक देने से प्रशासन की भौंहे तन गई हैं। सर्टिफिकेशन अंतर्गत गारबेज फ्री सिटी स्टार रैंकिंग में शून्य अंक मिलने के कई कारण बताए जा रहे हैं। शहर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं होना बड़ी समस्या के रूप में सामने आया है। 

सीवेज ट्रीटमेंट में कमी

जानकारों ने बताया कि शहर में सदियों से जमे कचरे पर जैविक उपचार किया जा रहा है, लेकिन रोजाना निकलने वाले 550 एमएलडी सीवेज (गंदा पानी) का निस्तारण नहीं हो रहा। सिर्फ 200 एमएलडी पर मनपा ट्रीटमेंट कर रही है। 135 एमएलडी पर महाजेनको प्रक्रिया करता है। 80 से 90 एमएलडी पर नालों के किनारे बने छोटे-छोटे सीवरेज ट्रीटमेंट में प्रक्रिया हो रही है। अर्थात शहर में 550 एमएलडी सीवेज में 420 एमएलडी पर प्रक्रिया हो रही है। इसमें 135 एमएलडी गंदे पानी का री-यूज होता है, लेकिन 130 एमएलडी सीवेज का पानी बिना प्रक्रिया के रह जाता है, जिसकी वजह से गारबेज फ्री सिटी में शहर को शून्य अंक मिलने की जानकारी है। 

प्रोग्रेस पर ध्यान देने की जरूरत

वॉटर प्लस में शहर को शून्य अंक मिलने से भी जानकार सवाल उठा रहे हैं। जानकारों ने मनपा से इस पर री-वैल्यूएशन में जाने की मांग की है। इधर मनपा को सर्विस लेवल प्रोग्रेस पर ध्यान देने की जरूरत बताई गई है। सर्विस लेवल प्रोग्रेस में मनपा को पहली तिमाही में 600 में से 282, दूसरी तिमाही में 600 में से 360 और तीसरी तिमाही में 1800 में से 1186 अंक मिले हैं। ऐसे में मनपा को इस कैटेगरी में ज्यादा जोर देना होगा। 

मनपा को री-वैल्यूएशन में जाना चाहिए 

कौस्तुभ चटर्जी, ब्रांड मनपा के मुताबिक जिस तरह की मार्किंग मिली है, उसे लेकर निश्चित ही विचार-मंथन होना चाहिए। गारबेज फ्री सिटी में जरूर हम कम पड़ रहे हैं। सीवेज पानी पर प्रक्रिया की जरूरत है, लेकिन वॉटर प्लस में जिस तरह की मार्किंग मिली है, वह संदेहजनक है। मनपा को इस पर री-वैल्यूएशन में जाने की जरूरत है। 

Created On :   2 Oct 2022 7:41 PM IST

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