दोगुनी राशि दे डाली फिर भी खत्म नहीं हो रहा लोन, 33.73 करोड़ बाकी

Municipality gave double amount but the loan is not ending
दोगुनी राशि दे डाली फिर भी खत्म नहीं हो रहा लोन, 33.73 करोड़ बाकी
दोगुनी राशि दे डाली फिर भी खत्म नहीं हो रहा लोन, 33.73 करोड़ बाकी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोई भी बड़ा प्रोजेक्ट साकार करने के लिए लोन लेना ही पड़ता है। लोने लेते समय कोशिश रहती है कि कम ब्याज पर लिया जाए लेकिन मनपा द्वारा  जेएनएनयूआरएम योजना अंतर्गत पेंच-4 के  लिए, लिए गए 200 करोड़ रुपए के कर्ज में अधिक ब्याज दर वाली बैंक से लोन लेने से आर्थिक अनियमितता के आरोप लग रहे हैं। इस कर्ज के लिए मनपा व बैंक ऑफ महाराष्ट्र के बीच 28 जून 2010 में एक करार हुआ था। इसके तहत 8.5 प्रतिशत ब्याज दर से 200 करोड़ रुपए लिए गए, जिस पर अकेले ब्याज के रूप में ही 212.96 करोड़ रुपए 2017 तक लौटा दिए गए। इसके अलावा मूल कर्ज का अब तक 166.26 करोड़ ही चुका है। अब भी 33.73 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है।


मनपा और बैंक के बीच इस कर्ज और इस हिसाब-किताब पर महालेखाकार (लेखा परीक्षण) ने ऑडिट रिपोर्ट में आपत्ति ली है। इसी मुद्दे को अब विपक्ष यानी कांग्रेस भी उठा रही है। इस मामले में मनपा आयुक्त अश्विन मुद्गल ने जांच करने का फैसला किया है। जांच का जिम्मा मुख्य वित्त लेखा अधिकारी  को सौंपा गया है। इसमें दूसरा सवाल यह भी है कि अन्य बैंक द्वारा कम ब्याज दर पर कर्ज उपलब्ध होने के बावजूद मनपा ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र से ही क्यों लोन लिया।

लगातार बढ़ती रही ब्याज दर

बैंक ऑफ महाराष्ट्र का लोन 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर से लिया गया था। हालांकि ब्याज दर एक जैसी नहीं रही। कभी 9.5 प्रतिशत, कभी 10 प्रतिशत, तो कभी 10.5 प्रतिशत दर पर भुगतान किया गया। यह दर कम करने के लिए मनपा ने बैंक के साथ पत्र व्यवहार भी किया है। इसके बाद बैंक के प्रतिनिधि, स्थायी समिति सभापति व आयुक्त के बीच 28 जून की बैठक में कर्ज का ब्याज दर 9.5 प्रतिशत से 8.5 प्रतिशत करने का निर्णय हुआ, लेकिन ब्याज दर कम नहीं हुई, बढ़ती गई। जिस कारण मनपा को इसके बाद भी भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। आर्थिक संकट में गुजर रही मनपा के लिए यह बड़ा झटका है।

इस मामले को लेकर महालेखाकार (लेखा-परीक्षण) द्वारा 2017 की  रिपोर्ट में आपत्ति जताई गई है, जिससे मामला और संवेदनशील बन गया है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को लपक लिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नगरसेवक संदीप सहारे ने आयुक्त अश्विन मुद्गल से मिलकर इस पूरे प्रकरण की जांच की मांग की है। उनका दावा है कि जांच होने पर बड़ा मामला उजागर हो सकता है।

Created On :   2 Nov 2017 1:04 PM IST

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