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"एन-कॉप्स' अब अन्य पुलिस आयुक्तालय में भी शुरू होगा

डिजिटल डेस्क,नागपुर। नागपुर पुलिस का "एन-कॉप्स" सेंटर राज्य में पहला प्रयोग किया गया जो सफल साबित हुआ है। इसकी सफलता को देखते हुए राज्य के सभी पुलिस आयुक्तालयों में नागपुर पुलिस की तर्ज पर "एन-कॉप्स" सेंटर की स्थापना की जा रही है। उक्त जानकारीआर्थिक अपराध शाखा पुलिस विभाग की उपायुक्त श्वेता खेडकर ने दी।उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में भर्ती होने के बाद सिर्फ 9 महीने का मैदान पर प्रशिक्षण दिया जाता है। उसके बाद सेवानिवृत्ति तक उन्हें पुलिस थानों में काम करना पड़ता है। ऐसे में प्रत्येक पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों को दोबारा एक बार शिक्षण-प्रशिक्षण देकर "डिजिटल पुलिसिंग" के लिए तैयार करने का कार्य पुलिस आयुक्त डॉ. के. व्यंकटेशम ने किया है। इसके लिए उन्होंने सदर के छावनी परिसर में "एन-कॉप्स एक्सेलेंस" ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना की। तब से लेकर अब तक यह सेंटर यथावत शुरू है और आगे भी रहेगा। बता दें कि एन कॉप्स सेंटर का उद्घाटन मुख्यमंत्री देंवेंद्र फडणवीस के हाथों 4 अप्रैल 2017 में किया गया था। इसमें पुलिस कर्मचारियों को नए तरीके से यातायात प्रशिक्षण, ई-लर्निंग, क्राइम सीन सिम्युलेटर, साइबर क्राइम, मानवीय संवेदना जागृति, व्यक्तित्व विकास आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। महिला पुलिस कर्मचारियों के मानसिकता को और मजबूती देने व उनके अंदर के कला-गुणों को बाहर आने के लिए विशेषज्ञ प्रशिक्षकों का मार्गदर्शन मिल रहा है।
अब तक हुईं 137 कार्यशालाएं
श्वेता खेडकर ने बताया कि अभी तक साइबर क्राइम विषय पर 9 बार कार्यशाला लेकर 553 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया। हाल ही में अंतरराज्यीय स्तर पर साइबर क्राइम विषय पर शिविर आयोजित िकया गया। इसमें मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के पुलिस विशेष उपस्थित थे। यातायात शाखा पुलिस विभाग के 565 पुलिस कर्मियों को गणवेश, व्यवहार और यातायात नियमों के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। जनता से सीधा समन्वय बनाने के लिए बीट सिस्टम शुरू की गई। इसके लिए अभी तक 123 पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। कोराडी पॉवर प्लॅांट के 260 सुरक्षा रक्षकांे को पुलिस की तरह प्रशिक्षण दिया गया। थानों में ड्यूटी रायटर, पुलिस निरीक्षकांे के रायटर आैर स्टेशन डायरी कर्मचारी के कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया। अब तक एन कॉप्स में 137 कार्यशालाएं हो चुकी हैं। इसमें करीब 11 हजार 250 पुलिस को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस प्रशिक्षण में बाहर की पुलिस कर्मियों का समावेश है।
सुसंवाद कौशल्य का प्रशिक्षण
पुलिस स्टेशन में पुरुष व महिला पुलिस अधिकारी-कर्मचारी, शिकायतकर्ता व मीडिया प्रतिनिधि से बोलते समय संयम बरत नहीं पाते हैं। 80 प्रतिशत पुरुषों से अधिक महिला पुलिस कर्मचारी हमेशा ऐसी भाषा शैली का उपयोग करती हैं, जिससे मीडिया और पुलिस के बीच समन्वय नहीं बन पाता है। इसके लिए सुसंवाद कौशल्य का अभाव होने से पुलिस कर्मियों और जनता के बीच दूरी बढ़ने लगी है। इस पर पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है। एन काप्स सेंटर में सुसंवाद विषय पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
Created On :   7 Feb 2018 4:17 PM IST