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होली के रंग में डूबने लगी है संतरानगरी, लोग मना रहे हैं 'इको फ्रेंडली होली'

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में होली की खुमारी चढ़ने लगी है। गली-मुहल्ले में होलिका दहन के साथ ही रंग गुलाल उड़ाए जाने लगे हैं। कुछ लोग इको फ्रेंडली होली मना रहे हैं तो कुछ पूरे जोश के साथ होली के रंग में डूबते दिखाई दे रहे हैं। शहर के खामला स्थित एक भवन में पंजू तोतवानी व उनके साथियों ने गुलाब और गुलाल दोनों की होली खेली। बिरहा गाया और डांस के साथ होली एंजाय कर रहे हैं।
जनजागरण भी किया जा रहा
उल्लेखनीय है कि होली पर पर्यावरण बचाने के लिए कई संस्थाएं आगे आकर जनजागरण कर रही है। जिसमें आम जन का भी सहयोग मिल रहा है। इस बार शहर के 787 स्थानों पर होलिका दहन होने जा रहा है। विविध स्थानों पर धार्मिक और सामाजिक संगठन होलिका दहन करेंगे।
घर पर बनाया रंग
समय के साथ होली त्योहार पर रंग-गुलाल बनाने और खेलने का चलन भी बदला है। स्नेह नगर निवासी मिनाक्षी चौहान का कहना है कि हम घर पर ही रंग बना रहे हैं। रंग बनाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। साथ ही घर के बुजुर्ग भी रंग बनाने में हमें गाइड कर रहे हैं। पहले घर में टेसू के फूल से रंग बनाकर होली खेला करते थे, पर बच्चों की जिद पर मार्केट में मिलने वाले रंग से होली खेलना शुरू किया। जब उससे स्किन की समस्या हुई, तो इस बार घर पर लाल रंग, नीला रंग, गुलाबी रंग, पीला रंग के साथ आसानी से बनने वाले रंग बनाने वाले हैं। रंग बनाने के लिए फूल, फल और सब्जियों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं, साथ ही हल्दी, बेसन और किचन में मौजूद आइटम्स भी रंग बनाने के काम आ रहे हैं।
त्वचा के लिए फायदेमंद
रवि नगर निवासी देवयानी पंडित कहतीं है कि सोशल मीडिया के आ जाने से सभी चीजें अासान हो गई हैं। अगर कुछ भी नहीं मालूम हो, तो सोशल मीडिया से उसकी जानकारी मिल जाती है। होली के लिए हमने घर पर रंग तैयार करने की प्लानिंग की है। पीला रंग बनाने के लिए हल्दी और बेसन का इस्तेमाल कर रहे हैं। वैसे भी हल्दी और बेसन दाेनों ही त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं। लाल रंग बनाने के लिए गाजर को पानी में उबालकर लाल रंग बनाया जा सकता है। इसी तरह गुलाबी रंग के लिए चुकंदर को पानी में उबाल कर इसमें दूध मिलाने से गुलाबी रंग आ जाता है।
रंग बनाने की पुरानी परंपरा
फ्रेंडस कालोनी की रहने वाली सुरभि नायक का कहन है कि टेसू और पलाश से रंग बनाने की परंपरा पुरानी है। इसको बनाना भी आसान है। खौलते पानी में टेसू और पलाश के सूखे फूल डालकर बहुत देर तक उबाला जाता है। घर के बुजुर्ग हमेशा इसी से होली खेला करते थे। उनका कहना है कि इससे स्किन में ग्लो आने के साथ-साथ ठंडक भी मिलती है।
आसान है कलर बनाना
रहाटे कालोनी निवासी उमा बागड़देव कहतीं हैं कि घर पर कलर बनाना काफी आसान है। इसमें थोड़ा गाइडेंस मिल जाए, तो घर पर ही कलर बना सकते हैं। बच्चे भी कलर बनाने में मदद कर रहे हैं। होली खेलने का सबसे ज्यादा क्रेज बच्चों को ही है, इसलिए वे फल, फूल और सब्जियों को उबालने में हमारी मदद कर रहे हैं, ताकि ईको फ्रेंडली होली खेलने के साथ स्किन प्रॉबलम से
Created On :   1 March 2018 2:14 PM IST