10 मिनट में ध्वनि मत से पारित हो गया नगर निगम का 4.52 अरब का बजट! 

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
10 मिनट में ध्वनि मत से पारित हो गया नगर निगम का 4.52 अरब का बजट! 

डिजिटल डेस्क,सतना। 36 दिन में 5 बार स्थगित हो चुकी नगर निगम परिषद के सामान्य सम्मिलन की बजट बैठक यहां एक बार फिर से बुलाई गई। स्पीकर अनिल जायसवाल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में 4 अरब 52 करोड़ 86 लाख के आय आधारित आम बजट को महज 10 मिनट के अंदर ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। हालांकि बजट के व्यय पक्ष पर चर्चा अधूरी रह गई। यहां ये पहला मौका है जब नया वित्तीय वर्ष प्रारंभ होने के साढ़े 3 माह बाद अंतत: बजट प्रस्तावों को नगर निगम परिषद से हरी झंडी मिल पाई है। जानकारों का कहना है कि हर वित्तीय वर्ष के 31 मार्च की स्थिति में बजट स्वीकृति की परंपरा रही है। नगर निगम की मौजूदा परिषद का ये अंतिम बजट था। बैठक में नगर निगम के कमिश्नर अमन वीर सिंह भी उपस्थित थे।

फैैक्ट फाइल 

  •  आय अनुमान : 4 अरब 52 करोड़ 86 लाख
  •  व्यय अनुमान : 4 अरब 1 करोड़ 17 लाख 5 हजार
  •  बचत अनुमान : 51 करोड़ 42 लाख 81 हजार 

गैर हाजिर रहे 25 पार्षद 

नगर निगम परिषद के सामान्य सम्मिलन में मेयर ममता पांडेय के अलावा 44 में से 25 पार्षद गैर हाजिर रहे। कुल 19 पार्षदों ने उपस्थिति दर्ज कराई। इनमें से 10 महिला पार्षद थीं। अनुपस्थिति रहने वाले ज्यादातर पार्षद सत्तारुढ़ कांग्रेस से संबंधित थे। बैठक अपने तय समय से 15 मिनट विलंब से लगभग सवा 2 बजे शुरु हुई और तकरीबन एक घंटे चली। बजट के प्रश्न पर किसी भी पार्षद का कोई सुझाव नहीं आया। 

छाया रहा अतिक्रमण का मुद्दा, राजनैतिक दबाव की निंदा

स्पीकर की अनुमति से अन्य मुद्दों पर चर्चा के दौरान परिषद की बैठक में शहर के वार्ड वार्ड 42-43 में 13 जुलाई को की गई अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई का मुद्दा छाया रहा। बीजेपी पार्षद नीरज शुक्ला ने अतिक्रमण हटाने की इस कार्यवाई  को सराहनीय कदम बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि बेजा कब्जे से बेदखली का निर्णय परिषद में आमराय से लिया गया था। श्री शुक्ला ने कहा कि इस अभियान में शामिल कर्मचारी दोषी नहीं बल्कि बधाई के पात्र हैं। उन्होंने अतिक्रमण अधिकारी अनिल श्रीवास्तव को बदलने की कार्यवाही को गलत बताया और उन्हें पुन: प्रभार देने की मांग की। अन्य पार्षदों ने भी इस बात पर चिंता जताई कि अगर अतिक्रमण विरोधी मुहिम में इसी तरह से राजनैतिक दबाव आते रहेंगे तो स्मार्ट सिटी को अतिक्रमण से मुक्त कराना कठिन हो जाएगा। पार्षदों ने राजनैतिक दबाव की घोर निंदा की। 
 

Created On :   29 July 2019 8:15 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story