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स्मार्ट सिटी बनने जा रहे नागपुर में बह रहे दूषित जलाशय

डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्मार्ट सिटी बनने जा रहे उपराजधानी के लिए नागनदी भी एक ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसका कायाकल्प होने की संकल्पना साकार कब होगी कहना मुश्किल है लेकिन नागनदी दूषित जलापूर्ति का कारण जरूर बन रहा है। पीने के पानी तथा मछलीमारी के लिए गोसीखुर्द जलाशय का निर्माण किया गया। नाग नदी के पानी से जलाशय का प्रदूषण स्तर बढ़ने से इसके निर्माण का उद्देश्य अधूरा रह गया है। उल्टे इस पानी का पीने के लिए उपयोग करने से जनजीवन खतरे में आ गया है। भंडारा, गड़चिरोली तथा चंद्रपुर जिले में गोसीखुर्द का पानी पीने से विविध बीमारियों का प्रकोप बढ़ने का अारोप गोसीखुर्द प्रकल्प संघर्ष समिति के संयोजक एड. गोविंद भेंडारकर ने पत्र परिषद में लगाया।
भेंडारकर ने बताया कि नागपुर शहर से बहती नाग नदी मौदा और कुही तहसील की सीमा पर कन्हान नदी से मिलती है। शहर का गंदा पानी नाग नदी से कन्हान नदी में पहुंचकर आगे गोसीखुर्द जलाशय में जाता है। भंडारा शहर की नालियों का पानी भी इसी बांध में छोड़ा जाता है। हर राेज लगभग 350 दस लाख घनमीटर दूषित पानी गोसीखुर्द जलाशय में जमा जाता है। इतने बड़े प्रमाण में दूषित पानी छोड़ा जाने से गोसीखुर्द जलाशय के पानी का प्रदूषण स्तर काफी बढ़ रहा है।
हो रही बीमारियां: गोसीखुर्द का पानी अंभोरा तीर्थक्षेत्र, भंडारा जिले के पवनी, चंद्रपुर जिले के नागभीड़, ब्रह्मपुर, गड़चिरोली जिले के आरमोरी, वड़सा शहर तथा भंडारा आयुध निर्माणी को आपूर्ति किया जाता है। इस पानी का उपयोग पीने के लिए किए जाने से टायफाइड, पीलिया आदि विविध बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है। वहीं दूषित पानी से मछलियों पर प्रतिकूल परिणाम होने से मछलीमारी व्यवसाय भी खतरे में आ गया है। जमीन की उपजाऊ क्षमता कम होने से कृषि व्यवसाय पर भी प्रतिकूल परिणाम हो रहा है।
न्यायालय के आदेश, फिर भी ट्रीटमेंट प्लांट नहीं
भेंडारकर ने बताया कि हाईकोर्ट में नागपुर महानगरपालिक और भंडारा नगरपालिका को ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर पानी नदी में छोड़ने के आदेश दिए थे। इसके बावजूद दोनों निकायों ने ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगाए।
दोनों स्थानीय निकायों में भाजपा की सत्ता : नागपुर महानगरपालिका और भंडारा नगरपालिका में भाजपा की सत्ता है। केंद्र और राज्य में भी सत्ता की चाबी भाजपा के हाथ में है। जनजीवन के स्वास्थ्य से खेल रही दोनों स्थानीय निकायों की मनमानी पर रोक लगाने की मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय जलसंसाधन मंत्री नितीन गडकरी से मांग की है। पत्र परिषद में जनमंच के उपाध्यक्ष अमिताभ पावड़े उपस्थित थे।
Created On :   23 Dec 2017 4:20 PM IST