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खड़े-खड़े कबाड़ हो गई 50 लाख की वैन !

डिजिटल डेस्क, नागपुर। 50 लाख की वैन खड़े-खड़े कबाड़ हो गई। वैधमापन शास्त्र विभाग को पांच साल पहले मोबाइल वे ब्रिज वैन मिलने के साथ ही परेशानी शुरू हो गई थी। मुंबई कार्यालय से वाहन के लिए स्थायी रूप से प्रशिक्षित ड्राइवर नहीं दिया गया था। इसके चलते मोबाइल वैन का कभी उपयोग नहीं हो पाया। करीब 50 लाख रुपए कीमत के वाहन में 5 टन वजन माप को रखा गया है। ऐसे वाहनाें के संचालन के लिए प्रशिक्षित और कुशल व्यावसायिक ड्राइवर की जरूरत होती है, लेकिन ड्राइवर की नियुक्ति नहीं हो पाने से तीन साल पहले नागपुर कार्यालय को ठेका पद्धति पर ड्राइवर नियुक्त करने का निर्देश दिया गया था। मुंबई कार्यालय के ठेका पद्धति पर अंशकालीन ड्राइवर को नियुक्त करने के निर्देश के बाद कार्यवाही शुरू की गई थी, लेकिन अंशकालीन ड्राइवर के वेतन का निर्धारण नहीं होने से मामला अटक गया। हालांकि नागपुर कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि कई बार अंशकालीन ड्राइवर की नियुक्ति के लिए प्रयास किए गए लेकिन भारी-भरकम वाहन को चलाने वाले अंशकालीन प्रशिक्षित ड्राइवर नहीं मिले। ऐसे में वाहन नागपुर कार्यालय परिसर में ही खड़ा रहा। पिछले तीन सालों से एक ही जगह पर वाहन के खड़े रहने से उसमें तकनीकी और कलपुर्जों में खराबी आ गई है। अब यह वाहन कबाड़ बनने के कगार पर पहुंच चुका है। वैधमापन शास्त्र विभाग द्वारा माेबाइल वैन की दुरुस्ती के लिए अब पहल की जा रही है। वाहन की दुरुस्ती पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद इसे चलाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन वाहन के ड्राइवर की नियुक्ति को लेकर अब भी कोई योजना विभाग के पास नहीं है।
बड़े और व्यावसायिक वजन क्षमता वाले वाहनों के वजनमाप में भी गड़बड़ी को दूर करने के लिए केन्द्र सरकार ने नियमावली बनाई है। दुर्गम इलाकों वाले चंद्रपुर और गड़चिरोली में ओवरलोड ट्रक के वजन को लेकर भारी दिक्कत होती है। इसके चलते पांच साल पहले 50 लाख रुपए की लागत से 5 टन वजनक्षमता के मोबाइल टेस्टिंग वाहन को चंद्रपुर और गड़चिरोली जिले के लिए मुहैया कराया गया, लेकिन ड्राइवर की कमी और रखने की जगह नहीं होने से इस वैन का इस्तेमाल कभी नहीं हो पाया है। चंद्रपुर कार्यालय में वाहन को रखने की व्यवस्था नहीं होने से इसे नागपुर कार्यालय भेजा गया था। नागपुर कार्यालय की पार्किग में खड़ा वाहन मौसम की मार को नहीं झेल पाया। नतीजा अत्याधुनिक वाहन तकनीकी रूप से खराब होकर कबाड़ में तब्दील हो गया है। अब इस मोबाइल वैन को ठीक करने के लिए करीब 4 लाख रुपए की निधि का प्रस्ताव बनाया जा रहा है। वैधमापन शास्त्र विभाग के आला अधिकारी दुरुस्ती के बाद वाहन को चलाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन वाहन के लिए प्रशिक्षित ड्राइवर की नियुक्ति को लेकर अब भी कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है।
Created On :   2 Sept 2019 5:32 PM IST