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वॉटर हार्वेस्टिंग के बारे में अवेयर कर रहा ग्रुप, रविवार को आसपास के गांव में जाकर करते हैं श्रमदान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भू-जल स्तर दिनों-दिन गिरता जा रहा है। शहर तथा आस-पास के कई गांवों में पानी की किल्लत बढ़ती जा रही है। खेती के लिए भी पानी कम पड़ रहा है, इससे खेती प्रभावित हो रही है। खेती प्रभावित होने से आम व्यक्ति को किसान के साथ ही आम व्यक्तियों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। महंगाई बढ़ने से आम व्यक्ति को परेशानी होती है। इस देखते हुए शहर में ‘आरंभ’ फॉर्म नामक एमआर का ग्रुप, हर रविवार को शहर के आस-पास के गांवों में जाकर पानी बचाने तथा वॉटर हार्वेस्टिंग के बारे में अवेयर कर रहा है।
‘आरंभ’ फाॅर्म के फाउंडर मनीष खडसे ने बताया कि हमारा ग्रुप पिछले तीन वर्ष से काम कर रहा है। हमने ग्राउंड वॉटर लेवल को बढ़ाने तथा पानी बचाने के लिए गांववालाें को जागरूक करने का काम किया है। इसके लिए हमारी पूरी टीम हर रविवार को गांवों में जाकर श्रमदान करती है। येरंडा, मालपुर और नरखेड़ गांव में जाकर वहां के लोगों को बताया कि किस तरह से पानी बचाया जा सकता है। श्रमदान में आकाश वाड़ीभस्मे, पायल चव्हाण, मंजिरी साने, प्रियंका गुप्ता, पूजा बनोदे, आशीष उरकुंडे, जितेन्द्र इंगले, संजय बेले, नवीन जैन, अभय शास्त्री, भूमेश बोरकर, नवीन वानखेड़े, सौरभ हिवरकर, कार्तिक मानकर, मनोज जावले, मो रईशा खान, हरीश शहाडे शामिल हैं।
येरंडा में इस वर्ष नहीं मंगवाना पड़ा टैंकर
मनीष ने बताया कि पिछले कई वर्षों से येरंडा गांव में गांववालों को पानी का टैंकर मंगवाना पड़ता था। जब गांववालों से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि पानी की बहुत समस्या है तो हमने बताया कि एक परिवार में पांच मेम्बर हैं, तो प्रतिदिन एक व्यक्ति को शौच क्रिया में 20 लीटर पानी लगता है, ऐसा अगर घर में पांच सदस्य हैं, तो 100 लीटर पानी की खपत होती है और वो नाली के द्वारा बह जाता है। इसलिए शौचालय बनाते किस तरह उसका पानी जमीन में जाए, इसकी व्यवस्था के बारे में बताया। गांव वालों ने इस व्यवस्था को समझा और इस पर ध्यान दिया। साथ ही सभी को वॉटर हार्वेस्टिंग के बारे में भी जागरूक किया।
बनाया कृत्रिम बांध
मालापुर और नरखेड़ गांव में जाकर कृत्रिम बांध बनाने के लिए हमारी पूरी टीम ने श्रमदान किया। उसमें गड्ढा खोदने से लेकर उसको भरने का काम भी किया गया। पहाड़ के ऊपर खुदाई करके उससे थोड़ी दूर पर गड्ढे किए और बारिश के पानी को रोकने के लिए गड्ढे बनाए गए, ताकि पानी उन गड्ढों से होकर सीधे जमीन में जाए। गांव में पानी की बहुत समस्या थी। हमने पानी बचाने के कई तरीके बताए। इसके लिए गांव से पांच लोगों चुना और उनको हमने इस बारे में बताया। फिर उन लोगों ने गांववासियों को पानी संचय करने के बारे में जागरूक किया।
Created On :   5 Jun 2019 12:37 PM IST