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- Nagpur consistently back in three years, reached 58th number in hygiene survey
दैनिक भास्कर हिंदी: तीन साल से लगातार पिछड़ रहा नागपुर- स्वच्छता सर्वेक्षण में 58वें नंबर पर पहुंचा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्वच्छता सर्वेक्षण में जहां देश के दूसरे शहर लगातार आगे बढ़ रहे हैं, ऐसे में नागपुर तीसरे साल लगातार इसमें पिछड़ते हुए अब 58वें नंबर पर पहुंच गया है। पिछले साल हम 55वें रैंक पर थे, इससे भी तीन रैंक नीचे चले गए। इस शर्मसार प्रदर्शन के कारण हमें केवल 2 स्टार मिले, जबकि हमने 3 स्टार के लिए आवेदन किया था। यहां तक कि नागपुर महाराष्ट्र के टॉप-10 शहरों में भी शामिल नहीं हो सका। महाराष्ट्र के 43 शहरों में नागपुर 18वें नंबर पर रहा। इस मामले में मनपा के जनप्रतिनिधि व अफसर अपनी व्यवस्थाओं पर बुरी तरफ असफल साबित हुए। अब उनकी कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
इन 7 कामों से इंदौर नंबर-1 रहा, जो हम नहीं कर पाए
1. देश का पहला ऐसा शहर, जिसने ट्रेंचिंग ग्राउंड को पूरी तरह खत्म कर वहां नए प्रयोग शुरू किए।
2. 100 प्रतिशत कचरे की प्रोसेसिंग और बिल्डिंग मटेरियल और व्यर्थ निर्माण सामग्री का कलेक्शन और निपटान।
3. कचरा गाड़ियों की मॉनिटरिंग के लिए जीपीएस, कंट्रोल रूम और 19 जोन की अलग-अलग 19 स्क्रीन।
4. 29 हजार से ज्यादा घरों में गीले कचरे से होम कम्पोस्टिंग का काम।
5. देश में पहले डिस्पोजल फ्री मार्केट की पहल की।
6. इंदौर में अफसरों और जनप्रतिनिधियों ने एक साथ शहर को स्वच्छ रखने के लिए दिन-रात प्रयास किया, जबकि नागपुर में केवल स्वच्छता की औपचारिकता की गई।
7. आम लोगों ने भी शहर को साफ रखने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, आस-पास खुद भी साफ रखा और दूसरों को भी गंदगी फैलाने से रोका, जबकि नागपुर में लोगों में इसके प्रति जागरूकता कम दिखी।
हम यहां चूके
1. स्वच्छता अभियान में अच्छी रैंकिंग के लिए केंद्र सरकार ने एक नया अध्यादेश निकाला था। इस अध्यादेश अनुसार मनपा को कचरा उठाने के लिए प्रत्येक घर से 60 रुपए वसूलने थे। मनपा को यह आदेश देर से मिला, जिससे मनपा लागू नहीं कर पाई।
2. 2012 से शहर के भांडेवाडी डंपिंग यार्ड में कचरे पर प्रक्रिया बंद है। इससे कचरे पर प्रक्रिया नहीं हो पा रही है।
3. पूर्व मनपा आयुक्त अश्विन मुद्गल के रहने तक तो स्वच्छता अभियान जोर-शोर से चला, लेकिन उसके बाद अभियान को ब्रेक लग गया। वीरेंद्र सिंह आने के बाद सत्तापक्ष और प्रशासन में लंबा टकराव चला। कई दिनों तक वीरेंद्र सिंह छुट्टी पर रहे। फलत: जून से लेकर नवंबर तक स्वच्छता पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
नवंबर में अभिजीत बांगर आने के बाद इसे गति प्रदान हुई। लेकिन 6 महीने की गैप ने पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया।
यूजर चार्ज के नंबर हमें नहीं मिल सके
सिटीजन फीडबैक आदि में हमें अच्छे अंक मिले हैं, लेकिन यूजर चार्ज के नंबर हमें नहीं मिल सके। हमें संपत्ति धारक से कचरा उठाने के लिए यूजर फीस लेना था, जो हम उन पर नहीं लगा सके। -नंदा जिचकार, महापौर
अगली बार खामियों से सीखेंगे
पिछली बार से इस बार हमारा प्रदर्शन अच्छा है। हमें डायरेक्ट ऑब्जरवेशन और सिटीजन फीडबैक में अच्छे नंबर मिले हैं। ओडीएफ में हमने प्लस मार्किंग ली। पिछली बार 4 हजार नंबर थे, जो इस बार 5 हजार हो गए। सर्टिफिकेशन में हम पिछड़ गए। वह विषय नया होने से हम उसे कवर नहीं कर सके। अगली बार इन खामियों से सबक लेकर अच्छा प्रदर्शन करेंगे।-अभिजीत बांगर, मनपा आयुक्त
मशीनरी की कमी सामने आई
स्वच्छ भारत अभियान के लिए हमने हर स्तर पर काम किया। इसके बाद भी हमारा नंबर क्यों पिछड़ा यह जानना होगा। स्वच्छता को हमने प्राथमिकता में शामिल कर रखा है और उस पर हर संभव काम किया जा रहा है। स्वच्छता के लिए मशीनरी की कमी होने की बात सामने आई थी, जिसकी खरीदी कर यंत्र सामग्री की क्षमता को बढ़ाया है। -मनोज चापले, सभापति आरोग्य विभाग मनपा
अनेक सालों से शहर में कचरे पर प्रक्रिया करना बंद है। घनकचरा व्यवस्थापन नहीं हो पा रहा है। इसका सीधा असर स्वच्छता रैंकिंग पर हो रहा है। प्रशासनिक उदासीनता भी साफ झलक रही है। आयुक्त अभिजीत बांगर आने के बाद स्वच्छता अभियान को गति मिली है, लेकिन तत्कालीन आयुक्त अश्विन मुद्गल के जाने के बाद अभियान जैसे ठंडे बस्ते में पड़ा था।
-कौस्तुभ चटर्जी, स्वच्छता अभियान के ब्रांड एंबेसडर
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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