पंखिड़ा तू उड़ के जाना..
कभी हिंदी गीतों ने अपना रंग जमाया, तो कभी गुजराती गीतों पर गरबा हुआ। राजस्थानी गीतों की मधुरता भी गरबा प्रेमियों को थिरका गई, तो पंजाबी बीट्स ने भी जोश के साथ गरबा करने का खूबसूरत बहाना दिया। जैसे ही पंखिड़ा गीत बजना शुरू हुआ, डांडिया की खनक से पूरा मैदान गूंज उठा। किसी की प्रस्तुति मन मोह रही थी, तो किसी के परिधान और खुद को प्रस्तुत करने का ढंग अनोखा था। बच्चे से लेकर उम्रदराज लोग यहां एक साथ एक धुन पर ताल से ताल मिला रहे थे।