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30 हजार किसानों का अनुदान अटका, जटिल शर्तें का रोड़ा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर विभाग में सिंचित जमीन का क्षेत्रफल कम है। सिंचित जमीन का क्षेत्रफल बढ़ाने के लिए शासन स्तर पर कदम उठाए जा रहे हैं। इसके लिए सरकार योजना चलाकर किसानों को अनुदान दे रही है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत नागपुर विभाग में चार साल में 20 हजार 571 किसानों को 36 करोड़ 29 लाख 7 हजार का अनुदान दिया गया। यह खुलासा आरटीआई में हुआ हैै।
इसलिए शुरू की गई थी योजना
उल्लेखनीय है कि नागपुर समेत विदर्भ के किसान आसमानी बारिश पर निर्भर रहते हैं। बारिश हुई तो फसल लहलहाती है और बारिश नहीं होने पर किसानों को सूखे की मार झेलनी पड़ती है। विदर्भ में अक्सर कम बारिश के चलते किसानों को नुकसान और कर्ज की स्थिति से जूझना पड़ता है। नागपुर समेत विदर्भ की फसल अक्सर सूखे से तबाह होती है। देश के ऐसे ही किसानों को आसमानी आफत से बाहर निकालने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना शुरू की गई।विदर्भ के किसानों को भी इस योजना के लिए अनुदान दिया जा रहा है, लेकिन दस्तावेजों की शर्तें काफी सख्त होने के कारण किसानों को योजना का लाभ मिल नहीं पाता।
4 साल में 44 करोड़ का अनुदान
आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार, 2015-16 से 2018-19 इन चार सालों में सरकार ने 44 करोड़ 44 लाख 48 हजार का अनुदान जारी किया। 20571 किसानों को इस योजना के तहत 36 करोड़ 29 लाख 7 हजार का अनुदान मिला। यानी नागपुर विभाग में सिंचाई योजना पर चार साल में 36 करोड़ 29 लाख 7 हजार की निधि खर्च की गई। चार साल में नागपुर विभाग से इस योजना का लाभ लेने के लिए 60 हजार 39 किसानों ने आवेदन किए थे। जांच पड़ताल में 9999 आवेदन खारिज कर दिए गए थे। अलग-अलग प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद चार साल में 20571 किसानों को योजना के तहत 36 करोड़ 29 लाख 7 हजार का अनुदान खर्च किया गया।
साल लाभार्थी अनुदान खर्च
2015-16 1015 264.31
2016-17 9367 1740.73
2017-18 9835 1571.43
2018-19 354 52.60
Created On :   6 May 2019 5:52 AM GMT