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सरकारी तालाबों की खुदाई के पत्थर और मिट्टी से बनेगा नागपुर-मुंबई समृद्धि महामार्ग
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे जलसंरक्षण के कामों से खुदाई में मिलने वाली मिट्टी, बालू, पत्थर जैसे गौण खनिजों का इस्तेमाल केंद्र सरकार की तरफ से बनाए जाने वाले महामार्गों के निर्माण कार्य में होगा। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने इससे संबंधित फैसले को मंजूरी दी। यह फैसला नागपुर- मुंबई समृद्धि महामार्ग के लिए लागू होगा। ठेकेदारों के लिए लागू शर्तों के अनुसार सड़कों के निर्माण कार्य के लिए मिट्टी, बालू और पत्थर जैसे खनिज का इस्तेमाल महामार्ग विकास परियोजनाओं के लिए करना अनिवार्य होगा। इस गौण खनिज को बेचा नहीं जा सकेगा। खुदाई के स्थान से लेकर परियोजना स्थल पर रास्ता उपलब्ध न होने की स्थिति में वहां तक पहुंचने के लिए संबंधित ठेकेदार को ही सड़क बनानी पड़ेगी।
जलयुक्त शिवार योजना के कार्य महामार्ग विकास से जुड़ेंगे
प्रदेश सरकार के जलयुक्त शिवार योजना के जरिए होने वाले कार्यां को महामार्ग विकास कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के माध्यम से राज्य में बड़े पैमाने पर महामार्गों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जलयुक्त शिवार के कामों में नालों को गहरा करने, तलाब बनाने समेत अन्य कामों से निकलने वाले गोण खनिज का इस्तेमाल सड़क बनाने के काम में होगा।
महामार्ग के लिए दक्षिण कोरिया से मिलेगा सहियोग
आपको बतादें, महाराष्ट्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना नागपुर-मुंबई समृद्धि महामार्ग के लिए दक्षिण कोरिया का भी सहयोग मिलेगा। विदेश दौरे के दौरान सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दक्षिण कोरिया के साथ विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए सामंजस्य करार किया था। महाराष्ट्र से गए प्रतिनिधिमंडल ने परिवहन मंत्री किम ह्यू से सियोल में मुलाकात की थी। इस दौरान दक्षिण कोरिया के नेताओं ने महाराष्ट्र में निवेश को लेकर रुचि दिखाई थी। साथ ही महामार्ग परियोजनाओं के लिए करार किया।
Created On :   21 Nov 2017 4:12 PM GMT