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नागपुर : रेशमबाग में हज प्रशिक्षण कराने का विरोध, मॉब लिंचिंग को लेकर भी खासा आक्रोश

डिजिटल डेस्क, नागपुर। हज यात्रियों के लिए हर साल भालदारपुरा स्थित हज हाउस में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाता रहा। इस बार रेशमबाग स्थित सुरेश भट सभागृह में हज प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया है। जिसका विरोध किया जा रहा है। शहर कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग ने हज हाउस में प्रशिक्षण शिविर न लेते हुए रेशमबाग स्थित सुरेश भट सभागृह में कराने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया है। अल्पसंख्यक विभाग के शहर अध्यक्ष इरशाद अली ने कहा कि, हज यात्री और उनके प्रशिक्षण के लिए ही हज हाउस का निर्माण किया गया है। इसके लिए सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च किए हैं, लेकिन हज हाऊस को दरकिनार कर सुरेश भट सभागृह में प्रशिक्षण देकर संघी मानसिकता लादने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए जमाल सिद्धीकी अपने नेताओं को खुश करने के लिए हज यात्रियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उसका राजनीतिकरण किया जा रहा है। इरशाद अली ने कहा कि, पिछले 10 साल से ज्यादा समय हो गया है, हज हाऊस में प्रशिक्षण शिविर होते रहे हैं। इतने सालों में कोई असुविधा नहीं हुई। ऐसे में हर साल की तरह हज हाउस में शिविर आयोजित किया जाए।

इसके अलावा देशभर में बढ़ रही मॉब लिंचिंग की घटना के विरोध में शहर के सभी धर्म व समुदाय ने मिलकर आईएम- (इंडिया अगेंस्ट मॉब लिंचिंग) शांतिपूर्ण आंदोलन अग्रसेन चौक में चलाया गया। इस दौरान वशीम खान, डा. आवेश हुसैन, मो. एजाज, जावेद इकबाल, सय्यद अजहर सहित 25 लोग करीब 10 घंटे अनशन पर बैठे थे। साथ ही 9 मांगों को पूरजोर ढंग से बुलंद किया गया। जब तक इन मांगों पर विचार नहीं होता, तब तक आंदोलन को और तीव्र करने की बात दोहराई गई। अल्पसंख्यक समाज पर हो रहे अत्याचार के लिए समाज को एट्रोसिटी कानून के अंतर्गत लाना, मॉब लिंचिंग घटना में मृतक के परिजनों को 50 लाख मुआवजा, पीड़ित परिवार को सरकारी नौकरी, आरोपी को फांसी की सजा, ऐसी घटना में किसी भी धर्म या पार्टी का नेता लोगों को भड़काएं तो उसे 20 साल जेल व कोई भी चुनाव न लड़ सके, पीड़ित परिवार के बच्चों की पढ़ाई का खर्च सरकार उठाए, तमाशबीन भीड़ पर देशद्रोह का मुकदमा चले जैसी कई मांगों का समावेश था। इस दौरान राजनीतिक, सामाजिक संगठन से जुड़े पदाधिकारी, कार्यकर्ता व नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद थे।
Created On :   3 July 2019 10:39 PM IST