1280 उद्योगों को नोटिस, 89600 श्रमिकों पर मंडरा रहा खतरा

Nagpur : NMRDA issued notices to 1280 industrial establishments
1280 उद्योगों को नोटिस, 89600 श्रमिकों पर मंडरा रहा खतरा
1280 उद्योगों को नोटिस, 89600 श्रमिकों पर मंडरा रहा खतरा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एनएमआरडीए) द्वारा नागपुर जिले के 1280 उद्योगों को नोटिस जारी करने से हड़कंप मच गया है। आरोप है कि इन उद्योगों का निर्माण व विकास अवैध है। इन्होंने प्राधिकरण से कोई अनुमति नहीं ली है, लेकिन बिना किसी जांच के यह नोटिस जारी करने से उद्योजकों की नींद उड़ गई है। इससे उद्योगों के बंद होने से 89, 600 श्रमिक बेरोजगार होने का खतरा भी मंडरा रहा है। इसे तुगलकी फरमान बताते हुए एनसीपी व्यापारी आघाड़ी के अध्यक्ष स्वप्निल अहिरकर के नेतृत्व में एनएमआरडीए की आयुक्त शीतल उगले से मिलकर नोटिस को रद्द करने की मांग की है। 

गिनाईं ये खामियां 
बताया गया कि नागपुर क्षेत्र में 20 साल पहले से यह उद्योग हैं। एनएमआरडीए ने अचानक इन सभी को नोटिस जारी कर इन्हें अवैध बताया है। नोटिस में कहा गया है कि आपका निर्माण व विकास कार्य अवैध है। 2012 के अनुसार, साइड मार्जिन नहीं छोड़ी है। बिल्डिंग प्लान संबंधित कार्यालय से मान्यता प्राप्त नहीं है। जमीन का उपयोग अन्य कार्यों के लिए हो रहा है। संबंधित विभाग से अकृषक प्रमाणपत्र भी नहीं लिया गया है। आदि नियमों का आधार लेकर 1280 से ज्यादा उद्योगों के व्यवस्थापन को नोटिस जारी किया गया है। 

इसलिए बनी स्थिति 
एनसीपी व्यापारी आघाड़ी ने इसका विरोध करते हुए यह उद्योग ग्रामीण क्षेत्रों में 20-25 साल पहले लगाए गए थे। उस वक्त नागपुर का दायरा 5 किलोमीटर था। बाद में 10 किलोमीटर हुआ। 2017 में नागपुर विकास प्राधिकरण द्वारा इसे मेट्रो रीजन क्षेत्र घोषित किया गया। इस कारण नागपुर क्षेत्र का दायरा 25 किलोमीटर हुआ। व्यापारी आघाड़ी ने दावा किया कि उस वक्त नियमानुसार व्यवस्थापन साइड मार्जिन की है। संबंधित तहसील कार्यालय से अकृषक का प्रमाणपत्र लिया गया है। आदि प्रमाणपत्र भी लिए गए हैं। आघाड़ी के अध्यक्ष स्वप्निल अहिरकर ने कहा कि विदर्भ में उद्योग पहले से पिछड़ा है।

अन्यायकारक नोटिस के कारण उद्योग बंद होंगे और छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश का रुख करेंगे। 2018 के पहले स्थापित उद्योग को संरक्षण देने की मांग करते हुए राकांपा ने कहा कि अगर नोटिस वापस नहीं लिए गए तो तीव्र आंदोलन किया जाएगा। शिष्टमंडल में रवि पराते, सुदर्शन पनकुले, साहिब अलग, ऋषि साहू, अभिजीत समर्थ, संजय अग्रवाल, मृणाल साखरे, संकेत भांडारकर उपस्थित थे। 

Created On :   31 Jan 2019 2:29 PM IST

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