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पैरेंट्स ले रहे ऑनलाइन टिप्स, हर पल रहते हैं अपडेट
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बदलते दौर ने मां का स्वरूप भी बदल दिया है। अब मम्मियां भी पूरे समय अपडेट रहती हैं। बच्चा प्लाॅन करने से लेकर उसकी पढ़ाई के साथ कैरियर की प्लानिंग भी इंटरनेट के जरिए की जा रही है। एग्जाम के समय जहां बच्चों को मोबाइल छूने की इजाजत नहीं है, वहीं मम्मियां दुनिया में क्या चल रहा और कैसे बच्चों को बेहतर तरीके से समझाकर पाला जा सके, इसके टिप्स ढूंढ़ती नजर आती हैं। इसके साथ ही कुछ मम्मियां, तो मोबाइल पर गेम्स खेलती नजर आती हैं। भागदौड़ भरी जिंदगी में मां का स्वरूप डिजिटल हो गया है। डिजिटल युग में डिजिटल मॉम्स से चर्चा के दौरान उन्होंने अपने अनुभव शेयर किए।
घर में कोई बुजुर्ग नहीं होने से इंटरनेट था सहारा
जॉब के कारण हमें बाहर रहना पड़ता था। इसके लिए घर के रीति-रिवाजों और बच्चा प्लाॅन करने तक हर चीज इंटरनेट के जरिए सीखी। डिजिटल वर्ल्ड में दादी-नानी के नुस्खे के लेकर हर चीज मौजूद है। इसमें वो सभी जानकारी भी मिलती है जो हमें नहीं पता होती है। जब बच्चा प्लाॅन किया तो इंटरनेट से बहुत सारी मिली। प्रेग्नेंसी के समय किस तरह के प्रिकॉशन्स रखने चाहिए और प्रेग्नेंसी के बाद किस तरह से रहना चाहिए, इन सभी बातों की जानकारी इंटरनेट में मिली है। आजकल सिंगल फैमिली में रहने वाले बहुत सारे लोग इंटरनेट में दिए हुए टिप्स को फॉलो करते हैं, लेकिन दवा वगैरह डॉक्टर की सलाह पर ही लेनी चाहिए।
- नूपुर सिंह, वर्किंग वुमन
नेट की मदद से बनाया पूरा चार्ट
जब हमने बेबी प्लाॅन करने के बारे में सोचा तो डॉक्टरी की सलाह ली। उसके बाद हमने कुछ बच्चे के लिए कुछ प्लानिंग डिजिटल भी की, जिसमें इंटरनेट के थ्रू बच्चे के बर्थ के पहले उसका कैसे ख्याल रखा जाए इस तरह के टिप्स भी पढ़े। बच्चा होने के बाद किन-किन बातों को ध्यान रखना चाहिए, इन सभी बातों को भी फॉलो किया। इंटरनेट तो जेसे ज्ञान का भंडार है, इसमें हमारे हर तरह के डाउट्स क्लियर होते हैं। जब मेरा बेबी हुआ तो मैंने इंटरनेट के जरिए अपना और बेबी का डाइट चार्ट भी खुद ही तैयार किया है। डिजिटल युग में स्मार्ट मम्मी बनाना जरूरी है।
- रीना जैन, वर्किंग वुमन
कुछ न कुछ नया सर्च करती हूं
समय के साथ बहुत सारे बदलाव आ गए हैं। बच्चों के स्कूल और हसबैंड के ऑफिस जाने के बाद पूरा दिन घर में बोर हो जाते हैं। फिर ऑनलाइन गेम खेलते हैं। टाइम पास के लिए यह बहुत अच्छा है, बच्चों के सामने ज्यादा नहीं खेलती हंू, नहीं तो उन पर बुरा असर पड़ता है। दिन भर ऑनलाइन कुछ न कुछ नया सर्च करती रहती हंू। गेम के साथ इंटरनेट में बहुत सारी जानकारी भी मिलती है। जो काम आती है। बच्चों को आगे पढ़ने मे किस तरह की प्लाॅनिंग करनी चाहिए। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कौन सी किताबों बेस्ट है आदि सभी जानकारी सर्च की जाती है।
- माया शुक्ला, हाउसवाइफ
Created On :   1 Feb 2019 10:26 AM GMT