सफाई में पिछड़ी ऑरेंज सिटी, लाखों खर्च करने भी नहीं सुधर रही स्थिति

Nagpur ranked 50 in cleanlyness even after spending crores on it
सफाई में पिछड़ी ऑरेंज सिटी, लाखों खर्च करने भी नहीं सुधर रही स्थिति
सफाई में पिछड़ी ऑरेंज सिटी, लाखों खर्च करने भी नहीं सुधर रही स्थिति

डिजिटल डेस्क, नागपुर।सफाई के मामले में कभी टॉप टेन में रहने वाली आरेंज सिटी रैंकिंग में सीधे 50 नंबर पर आ गई सफाई में फिसड्‌डी साबित होने के बाद मनपा ने इसके लिए नई व्यवस्था शुरू की, जिसे शुरू हुए दो माह हो गए। भास्कर ने इस व्यवस्था की पड़ताल की तो चौकाने वाली स्थिति सामने आई। मनपा ने सफाई का निरीक्षण करने के लिए नवंबर 2017 में नागरी पुलिस की नियुक्ति की। इसके लिए 150 पद बनाए गए, जिसमें से अब तक मात्र 46 पर नियुक्ति की गई है। संबंधित स्टॉफ पर दो माह में केवल वेतन पर 23 लाख 50 हजार रुपए खर्च हुए। इसके बदले मात्र 50 लोगों से जुर्माना वसूला गया जो करीब 15 हजार था। हद तो तब हो गई जब नागरी पुलिस के पास गंदगी फैलाने वालों को देने के लिए नोटिस बुक तक नहीं है। 
 

काम की गति बेहद धीमी : कचरे व गंदगी के लिए जिम्मेदार लोगों से तुरंत जुर्माना वसूलने का प्रावधान है। मगर अभी तक नागरी पुलिस ने जितना जुर्माना वसूला उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि इनके काम की गति बेहद धीमी है। मनपा क्षेत्र की आबादी लगभग 30 लाख है आैर कार्यक्षेत्र जीरो माइल से हर कोने में 15 किमी तक है। कार्रवाई पर नजर डालें तो एक महीने में हर जोन में 40-50 लोगों से ही जुर्माना वसूला गया है।  

ये संभाल रहे जिम्मेदारी
-नागरी पुलिस का काम सड़क पर, सड़क किनारे, सार्वजनिक स्थान पर खुली जगह पर शौच, पेशाब करना, गंदगी व  कचरा डालने वालों पर कार्रवाई करना है। 
-सूखा व गीला दोनों प्रकार के कचरे व गंदगी पर नजर रखने की जिम्मेदारी इनकी है। गटर व सीवर लाइन से बहने वाले गंदे पानी के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई भी करना है। 
-सड़क, सड़क किनारे, सार्वजनिक स्थान या खुली जगह पर रेत, गिट्टी, मिट्टी या ईंटे रखने वालों पर भी कार्रवाई करने का अधिकार भी नागरी पुलिस को है। लेकिन शहर में जगह-जगह पर सड़क किनारे बिल्डिंग मटेरियल पड़ा रहता है। 

जरूरत है 150 की 46 हुए तैनात
मनपा को 150 नागरी पुलिस की जरूरत है, लेकिन आर्थिक कारणों से मनपा इतनी बड़ी भर्ती करने की स्थिति में नहीं है। मनपा ने 76 नागरी पुलिस रखने को मंजूरी दी है, जिसमें से 46 की तैनाती 1 नवंबर 2017 से कर दी गई है। इसमें 5 जवानों को सुपरविजन का काम दिया गया है।

नोटिस बुक दे देंगे, पर काम नहीं करेंगे तो निकाल देंगे 
इस महीने नोटिस बुक दे दिए जाएंगे। अभी हर जोन में महीने में 40-50 कार्रवाई हुई है। पहला सप्ताह अवेरनेस में चला गया। कार्रवाई में जो तेजी नहीं लाएगा, उसे ड्यूटी से निकाल दिया जाएगा। इनकी नियुक्ति 11 महीने के लिए ही हुई है। 36 नागरी पुलिस की आैर नियुक्ति की जाएगी। नोटिस जारी करने में और तेजी लाई जाएगी। 
-प्रदीप दासलवार, स्वास्थ्य अधिकारी (सफाई) मनपा.  
 

Created On :   8 Jan 2018 10:54 AM IST

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