"जेंडर चैंपियन' को यूनिवर्सिटी का ठेंगा, यूजीसी के आदेश को दिखाई डस्टबिन

Nagpur university did not start the gender champion campaign
 "जेंडर चैंपियन' को यूनिवर्सिटी का ठेंगा, यूजीसी के आदेश को दिखाई डस्टबिन
 "जेंडर चैंपियन' को यूनिवर्सिटी का ठेंगा, यूजीसी के आदेश को दिखाई डस्टबिन

डिजिटल डेस्क ,नागपुर। यूनिवर्सिटी ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के आदेश के "जेंडर चैंपियन" अभियान की शुरुआत नहीं की है। अधिकांश शिक्षण संस्थानों में लगभग यही स्थिति है। इसका संज्ञान लेते हुए यूजीसी ने हाल ही में शिक्षण संस्थानों के नाम सर्कुलर जारी कर अपने यहां मुहिम शुरू करने को कहा है। दरअसल शिक्षा संस्थानों से लिंग भेद मिटाने और समाज में छात्राओं, महिलाओं को समान अवसर प्रदान करने के लिए यूजीसी ने "जेंडर चैंपियन" नामक मुहिम छेड़ी है। यूजीसी ने नागपुर यूनिवर्सिटी समेत देश भर के तमात विश्वविद्यालयों को अपने यहां यह मुहिम शुरू कर विद्यार्थियों को "जेंडर चैंपियन" के रूप में नियुक्त करने को कहा था। यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार 16 वर्ष से ऊपर की उम्र के ऐसे विद्यार्थी, जो नियमित रूप से स्कूल-कॉलेज आते हों और उनका वार्षिक प्रदर्शन औसतन 50 प्रतिशत या उसके ऊपर हो और उनमें नेतृत्व क्षमता हो, ऐसे विद्यार्थियों को ‘जेंडर चैंपियन’ के रूप में नियुक्त करना है, लेकिन इस पर लंबे समय बाद भी कार्य शुरू नहीं हुआ है। 

नियुक्त किए जाएंगे नोडल शिक्षक
जेंडर चैंपियन कॉलेज में छात्र और छात्राओं में समानता स्थापित करने का प्रयत्न करेंगे। ये सुनिश्चित करेंगे कि कॉलेज में लकड़ियों, महिलाओं के साथ सम्मानपूर्वक बर्ताव किया जाता है कि नहीं और उन्हें आगे आने के लिए भी अवसर मुहैया कराए जाते हैं कि नहीं। यूजीसी ने जेंडर चैंपियंस के मार्गदशन के लिए एक नोडल शिक्षक भी नियुक्त करने को कहा है। यूजीसी ने मंगलवार को विवि को जेंडर चैंपियंस की नियुक्ति संबंधी दिशा-निर्देश तत्काल अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करने के आदेश दिए हैं। 

ये होंगी जिम्मेदारियां
जेंडर चैंपियन’ लिंग भेद को मिटाने के लिए अपने सहपाठियों और अन्य साथियों का मार्गदर्शन करेंगे। समय-समय पर सामूहिक चर्चा, वाद-विवाद, पोस्टर प्रतियोगिता, फिल्म फेस्टिवल आयोजित करेंगे। स्कूल, कॉलेज, समाज के विविध घटकों को भी इस मुहिम में अपने साथ जोड़ेंगे। स्कूल, कॉलेज के दैनिक कार्यों में छात्राओं या महिलाओं के साथ होने वाली असमानता को पहचान कर उसे दूर करने के प्रयास करेंगे। ये स्कूल, कॉलेज में जेंडर चैंपियन क्लब की भी स्थापना करेंगे। इतना ही नहीं ये जेंडर चैंपियन विद्यार्थियों के साथ मिलकर गांव कस्बों के सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों, अस्पतालों, डाकघरों और पुलिस थानों का दौरा कर वहां महिलाओं की स्थिति भी जानेंगे। छात्राओं, महिलाओं की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबरों का प्रसार करने जैसे कार्य भी करेंगे।

Created On :   27 April 2019 12:03 PM GMT

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