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यूनिवर्सिटी का रिकॉर्ड विभाग भी बेरिकार्ड, नई मार्कशीट के लिए लंबी प्रतीक्षा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के परीक्षा भवन के रिकॉर्ड विभाग का काम लचर तरीके से चल रहा है। कई रिकॉर्ड पुराना हो जाने से उसे ढूंढने में मुश्किल हो रही है। साथ ही इस विभाग में नियमित कर्मचारियों की कमी है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को डेली बेसिस पर नियुक्त करके रिकॉर्ड विभाग चल रहा है। परीक्षा भवन में हर रोज अनेक विद्यार्थी नई मार्क शीट या दस्तावेज के लिए आवेदन करते हैं। पुरानी मार्क शीट के गुम हो जाने पर डुप्लिकेट मार्क शीट बनवाने की सुविधा यूनिवर्सिटी में है। विद्यार्थी आवेदन फॉर्म और शुल्क भरकर नई मार्क शीट प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए अमूमन 15 दिनों का समय लगता है, लेकिन इन दिनों आवेदन करने वाले विद्यार्थियों को 15 दिन बीत जाने के बाद भी नए दस्तावेज के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ रहा है। परीक्षा विभाग में उन्हें बार - बार रिकॉर्ड न मिलने की जानकारी दी जा रही है।
डिजिटाइजेशन लटका
वर्ष 1923 में शुरू हुए नागपुर विश्वविद्यालय के पास कई दशकों पुराना रिकॉर्ड मौजूद है। जानकारी के अनुसार, वर्ष 1960 तक के विद्यार्थियों का रिकॉर्ड विश्वविद्यालय के पास उपलब्ध है। इसके लिए यूनिवर्सिटी ने परीक्षा विभाग में रिकॉर्ड रूम बनाया गया है। रिकॉर्ड रूम के दस्तावेज काफी पुराने हो गए है। वक्त के साथ वे खराब भी होने लगे हैं। इसके लिए करीब 2 वर्ष पूर्व यूनिवर्सिटी ने अपने रिकाॅर्ड को डिजिटाइज्ड करने की तैयारी की थी, लेकिन प्रशासनिक अनुमति के बीच यह प्रक्रिया लटकी रह गई।
अंकसूची का फॉर्मेट नहीं
नागपुर यूनिवर्सिटी में कंप्यूटराइज्ड मार्क शीट दी जाती है। प्रत्येक पाठ्यकम की अंकसूची के लिए फॉर्मेट तय है। विद्यार्थियों की मानें तो इन दिनों संबंधित पाठ्यकम की अंक सूची का फॉर्मेट न मिलने का कारण देकर विद्यार्थियों को लौटाया जा रहा है। जिन विद्यार्थियों के पास अंकसूची की फोटो कॉपी है, उन्हें ज्यादा परेशानी नहीं होती। जिनके पास मार्क शीट की फोटो कॉपी भी ना हो, उन्हें उलटे पांव लौटना पड़ता है।
Created On :   5 Sept 2019 1:16 PM IST