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फसल बीमा के लाभ से वंचित किसान , 8 प्रतिशत को ही लाभ

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर समेत राज्य के कई जिलों में सूखे जैसे हालात है। किसानों के हाथ उम्मीद के मुताबिक फसल नहीं लग रही। मौसम की मार से फसलें बर्बाद हो गईं। बावजूद इसके नागपुर जिले में केवल 8 फीसदी किसानों को ही फसल बीमा का लाभ मिला है। किसानों की बदहाली और फसल बीमा के निकषों पर फिर सवाल उठ रहे हैं।
41,956 किसानों को लाभ नहीं
2018 के खरीफ मौसम में नागपुर जिले में 47 हजार 368 किसानों ने फसल बीमा निकाला था। 4 करोड़ 93 लाख 47 हजार रुपए का बीमा हफ्ता भरकर 161 करोड़ 16 लाख की निधि संरक्षित की गई थी, लेकिन जिले में केवल 5,412 किसानों को ही फसल बीमा का लाभ मिला है। इन किसानों को 7 करोड़ 75 लाख 84 हजार 067 रुपए की बीमा राशि मंजूर हुई है। 41 हजार 956 किसानों को फसल बीमा का लाभ नहीं मिला है।
विस में उठ चुका है मुद्दा
2017 में खरीफ मैासम में भी अधिकांश किसानों को फसल बीमा का लाभ नहीं मिला था। जिले की कुछ तहसीलों में केवल 4-5 किसानों को ही बीमा का लाभ मिला था। विधानसभा के मानसून सत्र में यह मुद्दा उठा था। कृषि मंत्री चंद्रकांत पाटील ने जांच के आदेश दिए थे, लेकिन क्या जांच हुई और जांच के क्या निष्कर्ष निकले, इसकी कोई जानकारी नहीं है। फसल बीमा का लाभ किसानों को कम और बीमा कंपनी को ज्यादा होने के आरोप भी लग रहे हैं।
गत वर्ष खरीफ के मौसम में सोयाबीन व कपास का काफी नुकसान हुआ था। इसके उत्पादक दस हजार से ज्यादा किसानों ने फसल बीमा निकाला था, लेकिन गिनती के किसानों को ही बीमा का लाभ मिला। उल्लेखनीय है कि विदर्भ के किसान मौसम की मार और कर्ज के बोझ तले दबने से काफी तनावपूर्ण स्थिति से गुजर रहे हैं। ऐसे में उन्हें फसल बीमा का न मिलने से उनके पास दूसरा कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा है।
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।