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नागपुर की बेटी अल्फिया ने विदेश में लहराया परचम, जाती स्वर्ण पदक
डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्टार मुक्केबाज अल्फिया पठान ने मोंटेनेग्रो के बुदवा में आयोजित 30वें एड्रियाटिक पर्ल मुक्केबाजी स्पर्धा में महिलाओं के 81 किलो से अधिक वजन वर्ग में स्वर्ण पदक जीत लिया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूथ वर्ग में अल्फिया का यह पहला स्वर्ण पदक है। शुक्रवार देर रात को हुए फाइनल मैच में अल्फिया ने मोलदोवा की दारिया कोजोरेव को 5-0 के स्कोर से पराजित कर दिया। ओलिंपिक में देश के लिए खेलना चाहती हूं खिताबी जीत से बेहद खुश अल्फिया ने परिजनों को फोन पर बताया-निश्चित रूप से ओलिंपिक में देश के लिए खेलना चाहती हूं, लेकिन अभी अगला लक्ष्य पोलैंड में 12 से 24 अप्रैल के दौरान होने वाली विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में खेलने की पात्रता हासिल करना है। इसके लिए 28 फरवरी से हरियाणा के रोहतक में सिलेक्शन ट्रायल हो रहे हैं।
विश्व स्तर पर खुद को बेहतर साबित किया
जूनियर एशियन चैंपियन अल्फिया ने नियमित रूप से कड़ी मेहनत कर खुद को विश्व स्तर पर बेहतर साबित किया। टूर्नामेंट में भारतीय मुक्केबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 12 पदक पक्के कर लिए हैं, जिसमें से नागपुर की मुक्केबाज ने पहला स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय खेमे को उत्साह से भर दिया है। फाइनल को लेकर अल्फिया बेहद उत्साहित थीं। उन्होंने अपनी तकनीक और ताकत के साथ प्रतिद्वंद्वी मुक्केबाज पर जोरदार प्रहार किया। पहले दौर में उन्होंने संभलकर शुरुआत की, लेकिन दूसरे और तीसरे दौर में अल्फिया विरोधी मुक्केबाज पर बढ़त बनाने में सफल रहीं। चौथे दौर में उनके मुक्कों की बरसात के बीच मोलदोवा की दारिया को रक्षात्मक रणनीति अपनानी पड़ी। इसके बाद अल्फिया की जीत सुनिश्चित हो गई। मैच को 5-0 से जीतने के साथ उन्होंने भारत के लिए एक स्वर्ण पदक हासिल कर लिया।
जीत की भूख
संयुक्त अरब अमीरात में पिछले वर्ष हुई जूनियर एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने के बाद से अल्फिया के आत्मविश्वास में इजाफा हुआ है। अल्फिया मानकापुर स्थित विभागीय क्रीड़ा संकुल में अभ्यास करती हैं। केन्द्र सरकार की "टारगेट ओलिंपिक पोडियम स्कीम" टॉप्स में शामिल किया गया है। उन्हें अभ्यास के लिए हर संभव सहयोग मिल रहा है। मुक्केबाजी महासंघ के साथ नागपुर के उनके कोच भी अल्फिया को एक बेहतर मुक्केबाज के रूप में देख रहे हैं।
कोच गणेश पुरोहित ने मोंटेनेग्रो में अल्फिया के प्रदर्शन को यादगार बताया है। कहा-एक विश्वस्तरीय मुक्केबाज के सारे गुण अल्फिया में है। उसका लेफ्ट हैंड ज्यादा ताकतवर है।
कोच ने कहा : कम करना होगा वजन
कोच पुरोहित ने कहा, अल्फिया अभी 81 से अधिक वजन वर्ग में खेल रही है, लेकिन विश्व स्तर पर खुद को साबित करने और शिखर पर बने रहने के लिए उन्हें अपना वजन कम करना होगा। उपराजधानी की इस मुक्केबाज को हम 2024 ओलिंपिक के लिए तैयार कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य उन्हें 75 किलो वजन वर्ग में उतारना है। पिछले कुछ समय में उसने छह किलो वजन कम किया है।
पिता बाेले : गर्व से सिर ऊंचा कर दिया
अल्फिया के पिता अकरम पठान नागपुर शहर पुलिस में एएसअाई पद पर मुख्यालय में कार्यरत हैं। बेटी के शानदार प्रदर्शन पर कहा कि सिर गर्व से ऊंचा हो गया है। परिवार को अल्फिया पर नाज है। हम सभी उसे ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करते हुए देखना चाहते हैं।
Created On :   21 Feb 2021 3:50 PM IST